कार्रवाई . 3.5 करोड़ के अनाज का हुआ था गबन
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पूर्व डीएम एसएफसी पर प्राथमिकी दर्ज
कार्रवाई . 3.5 करोड़ के अनाज का हुआ था गबन रानीगंज टीपीडीएस गोदाम व अन्य गोदामों में हुआ था 12 हजार क्विंटल अनाज का गबन अररिया : रानीगंज टीपीडीएस गोदाम में हुए 11 हजार 855 क्विंटल अनाज के गबन के मामले में तत्कालीन डीएम एसएफसी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इस मामले में […]
रानीगंज टीपीडीएस गोदाम व अन्य गोदामों में हुआ था 12 हजार क्विंटल अनाज का गबन
अररिया : रानीगंज टीपीडीएस गोदाम में हुए 11 हजार 855 क्विंटल अनाज के गबन के मामले में तत्कालीन डीएम एसएफसी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इस मामले में पूर्व में भी सहायक गोदाम प्रभारी सह बीसीओ सहित चार लोगों पर प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है. इसके अलावा एक प्राथमिकी अररिया आरएस टीपीडीएस गोदाम में हुए गबन के मामले में गोदाम के सहायक प्रबंधक पर दर्ज की गयी थी. इसके बाद बड़ी कार्रवाई करते हुए विभाग के निर्देश पर एसएफसी के तत्कालीन प्रबंधक चंचल कुमार वर्मा के विरुद्ध निगम के वर्तमान प्रबंधक बिरेंद्र गुप्ता ने नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है. पूर्व की प्राथमिकी दर्ज होने के सात माह बाद भी करोड़ों रुपये के गबन के छह आरोपियों में से अब तक एक भी अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं हो पायी है.
दर्ज प्राथमिकी में दिये गये आवेदन के हिसाब से चावल का मूल्य प्रति क्विंटल 3062, जबकि गेहूं का मूल्य प्रति क्विंटल 2267 दर्शाया गया है. गबन की राशि तीन करोड़ 53 लाख 65 हजार 414 रुपये 14 पैसे दिखायी गयी है.
संख्या 643/16 के अनुसार रानीगंज,
टीपीडीएस गोदाम व अन्य गोदामों में 10683.68 क्विंटल चावल व 1171.42 क्विंटल गेहूं गबन मामले में तत्कालीन डीएम एसएफसी चंचल कुमार वर्मा भी दोषी पाये गये हैं. तत्कालीन प्रबंधक श्री वर्मा के विरुद्ध प्रमुख प्रशासन राज्य खाद्य निगम मुख्यालय पटना के पत्रांक 11491 दिनांक 16 सितंबर को ही प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया था. तत्कालीन डीएम एसएफसी श्री वर्मा इस वक्त सांख्यिकी विभाग में कार्यरत हैं.
कब क्या हुई थी घटना
05 फरवरी 2016 को डीएम हिमांशु शर्मा के आदेश पर जिले के सभी टीपीडीएस गोदामों की एक साथ जांच करायी गयी. जांच के बाद गोदामों को सील कर दिया गया.
07 फरवरी 2016 को गोदामों को सील खोलकर पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति कर गोदामों में रखे अनाज का सत्यापन कराया गया.
09 फरवरी को जांच के बड़ा खुलासा हुआ कि रानीगंज टीपीडीएस गोदाम की छमता पांच हजार क्विंटल थी, जबकि उसमें 11855.10 क्विंटल अनाज का भंडारण दिखाया गया था.
10 फरवरी 2016 को डीएम द्वारा बारीकी से जांच के बाद इसमें सीएमआर आंवटन के नाम पर बड़े पैमाने पर गबन किये जाने का मामला सामने आया.
09 फरवरी 2016 को उप समाहर्ता के पत्रांक 144 दिनांक 09 फरवरी के आदेश पर अररिया आरएस ओपी में कांड संख्या 17/16 दर्ज किया गया. जिसमें सहायक गोदाम प्रबंधक वेंकटेश्वर मिश्र को नामजद व अन्य अज्ञात को अभियुक्त बनाया गया.
10 फरवरी 2016 को डीएम के निर्देश पर डीएसओ के आदेश पर रानीगंज थाना में कांड संख्या 47/16 दर्ज कराया गया जिसमें गोदाम प्रबंधक सह बीसीओ प्रभाष चंद्र सिंह, अररिया के तत्कालीन सीएमआर गोदाम प्रभारी नवीन कुमार, हसनपुर पैक्स सह व्यापार मंडल अध्यक्ष नथनेश्वर सिंह, परिवहन अभिकर्ता एसएफसी उमेश यादव को अभियुक्त बनाया गया.
16 फरवरी 2016 को तत्कालीन एसडीपीओ सह वर्तमान एएसपी द्वारा तत्कालीन जिला प्रबंधक चंचल कुमार वर्मा व कर्मियों को जांच के लिए एसपी सुधीर कुमार पोरिका के पास लाया गया. स्थानीय पुलिस लाइन में काफी देर तक पूछताछ की कार्रवाई हुई.
24 सितंबर 2016 को राज्य खाद्य निगम के प्रमुख प्रशासन के पत्रांक 11491 दिनांक 16 सितंबर के आदेश पर कार्रवाई करते हुए जिला प्रबंधक द्वारा अररिया नगर थाना में कांड संख्या 643/16 दर्ज कराया गया. कांड के अनुसंधान की जिम्मेवारी नगर थानाध्यक्ष आरके चौधरी ने ली.
साजिश के तहत फंसाया
मेरे विरुद्ध दर्ज की गयी गबन की प्राथमिकी उचित नहीं है. मैं निर्दोष हूं. मुझे एक साजिश के तहत फंसाया गया है.
चंचल कुमार वर्मा, पूर्व एसएफसी प्रबंधक
प्राथमिकी दर्ज हुई है, तो कार्रवाई होगी
आर्थिक अपराध करने वाले किन्हीं लोगों को किसी भी हाल में नहीं बख्शा जायेगा. चाहे वह व्यक्ति कितना भी बड़ा क्यों नहीं हो. प्राथमिकी दर्ज की गयी है, तो कार्रवाई होगी.
सुधीर कुमार पोरिका, एसपी
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