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धान अधप्रिाप्ति शुरू नहीं होने से किसान हताश

धान अधिप्राप्ति शुरू नहीं होने से किसान हताशछह जनवरी को प्रशासन के साथ मिलर की होगी बैठकमिलर व क्रय केंद्रों के बीच एग्रीमेंट की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही आयेगी धान अधिप्राप्ति में तेजी प्रतिनिधि,अररिया जिले को धान उत्पादन लक्ष्य के हिसाब से कम धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य मिला. उसके बाद भी किसानों के […]

धान अधिप्राप्ति शुरू नहीं होने से किसान हताशछह जनवरी को प्रशासन के साथ मिलर की होगी बैठकमिलर व क्रय केंद्रों के बीच एग्रीमेंट की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही आयेगी धान अधिप्राप्ति में तेजी प्रतिनिधि,अररिया जिले को धान उत्पादन लक्ष्य के हिसाब से कम धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य मिला. उसके बाद भी किसानों के धान की खरीद के लिए अब तक सरकारी तौर पर धान की खरीद को गति नहीं मिल पाने के कारण किसान हताश हैं. अधिप्राप्ति को लेकर अब तक सरकारी महकमा अपने कवायद को पूरा करने में ही लगा हुआ है. किसानों की माने तो अब तक सरकारी विभाग ही यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि धान की खरीद किस प्रकार से की जाये. जिला प्रशासन के द्वारा 15 दिसंबर से धान खरीद करने की बात कही गयी थी. लेकिन अब तक खरीद की प्रक्रिया को गति नहीं मिल पायी है. हार कर किसान अपने धान को औने पौने दाम में व्यापारियों के हाथ बेचने को विवश हो रहे हैं. बाजार में बेचे जा रहे धान का मूल्य भी किसानों को धान उत्पादन लागत से कम मिल रहा है. जिले में क्या है धान उत्पादन का लक्ष्य कृषि विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार खरीफ फसल के रूप में जिले के कुल 93 हजार हेक्टेयर में धान के आच्छादन का लक्ष्य मिला था. लक्ष्य के अनुरूप आच्छादन पूरा हुआ. आच्छादन के हिसाब से 29 लाख 76 हजार क्विंटल धान के उत्पादन होने का अनुमान लगाया जा रहा है. आच्छादित लक्ष्य के अनुरूप या कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार धान उत्पादन में मौसम के बेरुखी के कारण धान का उत्पादन लक्ष्य के हिसाब से नहीं हुआ है. किसानों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार जिले में लगभग 27 से 28 लाख क्विंटल धान का उत्पादन हुआ है. लेकिन जितना हुआ है उस धान को औने पौने दामों पर किसान बेचने को विवश हो रहे हैं. किसान अपने धान को 1050 की दर में बाजारों में बेच रहे हैं. किसान कुर्साकांटा निवासी भूपेंद्र सिंह ने बताया कि किसानों के हाल पर ध्यान देने वाला कोई नहीं है. किसान अपने खेत से धान काट कर दो माह पहले घर ले आये. किसान धान को तैयार के बेचेंगे नहीं तो फिर गेहूं या फिर रबी फसलों की बुआई कैसे करेंगे. सरकार के द्वारा न तो समय पर डीजल अनुदान ही दिया जा रहा है. किसान के पास धान अधिप्राप्ति का खुलने का इंतजार करना अब संभव नहीं है. पिठौरा निवासी रविंद्र सिंह ने बताया कि धान अधिप्राप्ति के आस में महाजन का कर्ज बढ़ता जा रहा है. इसलिए धान बेचने के सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं बच रहा है. डोहआबाड़ी निवासी मो मोजिम ने बताया कि धान किसके भरोसे रखा जायेगा. अभी पैक्स व व्यापार मंडल धान खरीद नहीं करेगा जब खरीद करेगा तब तक हमलोगों का जरूरत का वक्त समाप्त हो जायेगा. कमोबेश यही हाल सभी प्रखंडों के किसानों का है. धान अधिप्राप्ति में कहां आ रही है परेशानी जिले को कुल 45 हजार एमटी धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य प्राप्त है. जानकारी अनुसार जिसमें पैक्स व व्यापार मंडल के माध्यम से 40 हजार पांच सौ एमटी व अनुमंडल स्तर पर एसएफसी के माध्यम से 4500 एमटी धान क्रय किया जायेगा. 31 मार्च 2016 तक पैक्स व व्यापार मंडल के द्वारा धान का ही अधिप्राप्ति करना है. जबकि सीएमआर को एसएफसी द्वारा निर्धारित केंद्र पर पैक्स व व्यापार मंडल को 30 जून तक उपलब्ध करा देना है. एसएफसी से टैग 26 मिलर को पैक्स व व्यापार मंडल को सीएमआर आवंटित करेगा. पैक्स व व्यापार मंडल के द्वारा सीएमआर आवंटन को लेकर मिलर के साथ करार को लेकर ही पैच फस रहा है.सरकार पैक्स व व्यापार मंडल के साथ मिलर को बांधे रखने के लिए एक लाट चावल अर्थात 270 क्विंटल क्विंटल अनाज के लिए साढ़े सात लाख का ड्राफ्ट मांग रहा है. हालांकि सरकार की मंशा इस दिशा में सही जा रही है. लेकिन मिलर को सरकार का यह मापदंड परेशानी में डाल रहा है. कहते हैं जिला सहकारिता पदाधिकारी धान अधिप्राप्ति में हो रही विलंब को लेकर जिला सहकारिता पदाधिकारी कवींद्र नाथ ठाकुर ने बताया कि जिले में धान अधिप्राप्ति में तेजी लाने के उद्देश्य से कार्रवाई जारी है. दी पूर्णिया डिस्ट्रक्टि सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंक के द्वारा धान अधिप्राप्ति के लिए पैक्स व व्यापार मंडल को सीसी लीमिट बढ़ाने के लिए नौ करोड़ 40 लाख रुपये की अनुशंसा की गई है. जिला को प्राप्त लक्ष्य के अनुरूप 177 क्रियाशील पैक्स के बीच दो सौ एमटी व नौ व्यापार मंडल के बीच पांच सौ एमटी के लक्ष्य का वितरण किया गया है. जबकि 06 वैसे पैक्स जिनके पास मिलिंग की व्यवस्था है उनको 320 एमटी का लक्ष्य दिया गया है. सभी पैक्स व व्यापार मंडल के लिए एक लाट अर्थात 270 क्विंटल सीएमआर चावल के लिए सीसी लीमिट का बढ़ोतरी किया जायेगा. अब धान अधिप्राप्ति के बाद सीएमआर आवंटन की प्रक्रिया को मूर्त रूप देने के लिए छह जनवरी को मिलर के साथ बैठक का आयोजन होगा. जिसके बाद पैक्स व मिलर के साथ एग्रीमेंट की प्रक्रिया पूरी होने के बाद पैक्स व व्यापार मंडल का सीसी लीमिट बढ़ा दिया जायेगा. इन प्रक्रियाओं के पूरी होने के बाद धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया में तेजी आयेगी.

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