जोगबनी: बुधनगर भेड़ियारी में अखिल नेपाल संतमत सत्संग के छठे वार्षिक महाधिवेशन के अवसर पर तीन दिवसीय संतमत सत्संग का शुभारंभ किया गया. महर्षि मेंहीं आश्रम कुप्पाघाट भागलपुर के वर्तमान आचार्य महर्षि हरिनंदन परमहंस जी महाराज के आशीर्वचनों के साथ सत्संग शुरू हुआ.
मौके पर आचार्य ने कहा कि सत्संग का अर्थ संतों का संग होता है. सत्संग सुनने से ही मानव शरीर का परमात्मा से मिलन हो जाता है. उन्होंने कहा कि सत्संग से मनुष्य के जीवन और आचरण में बड़ा परिवर्तन होता है, लेकिन आज की इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में न तो मनुष्य सत्संग के लिए समय दे पाते हैं और न ही सत्संग के मूल्य को ही समझ पाते हैं. इसका परिणाम है कि मनुष्य अपने नैतिक मूल्य और विचारों में पिछड़ गया है.
मौके पर अखिल नेपाल संतमत सत्संग आयोजन समिति के अध्यक्ष सत्य नारायण मंडल ने कहा कि इस सत्संग का आयोजन एक वर्ष बाद निर्धारित हुआ था, लेकिन उनके और सभी सदस्यों की मदद से चार माह में ही कार्य पूर्ण कर लिया गया, जिसके कारण आज ये आयोजन यहां संभव हो पा रहा है. कार्यक्रम को सफल बनाने में अध्यक्ष सत्य नारायण मंडल के अलावा सचिव मनोज साह, कोषाध्यक्ष श्रीराम ठाकुर, हरिनारायण यादव, भुवेश्वर ठाकुर, गेणालाल यादव के अलावा सैकड़ों कार्यकर्ता सहयोग कर रहे हैं.