प्रतिनिधि, कुर्साकांटाप्रखंड की लगभग दो लाख आबादी के लिए आग से बचाव का कोई भी उपाय नहीं है. अगलगी की घटना होने पर लोगों के चापानल, कुओं या बोरिंग पर ही निर्भर होना पड़ता है. प्रखंड मुख्यालय से 15 किलोमीटर पश्चिम व 16 किलोमीटर दक्षिण तक फैले लंबे प्रखंड क्षेत्र में अगलगी से बचाव के लिए एक अदद दमकल भी उपलब्ध नहीं है. दमकल के लिए अररिया जिला मुख्यालय पर ही भरोसा करना पड़ता है. प्रखंड मुख्यालय से जिला मुख्यालय की दूरी लगभग 40 किलोमीटर है. जब तक अररिया से दमकल प्रखंड पहुंचता है तब तक सब कुछ जल कर राख हो जाता है. लोगों को चापानल व बोरिंग के भरोसे ही इस आपदा का सामना करना पड़ता है. कहती हैं बीडीओइस मामले में बीडीओ अंतिमा कुमारी ने बताया कि प्रखंड मुख्यालय में एक भी दमकल नहीं है. आग लगने पर इसकी सूचना अररिया अग्निशमन कार्यालय को दी जाती है. जहां से दमकल उपलब्ध कराया जाता है. लेकिन दूरी इतनी है कि जब तक दमकल आता है तब तक सब कुद समाप्त हो जाता है.
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अगलगी से बचाव के लिए नहीं है कोई उपाय
प्रतिनिधि, कुर्साकांटाप्रखंड की लगभग दो लाख आबादी के लिए आग से बचाव का कोई भी उपाय नहीं है. अगलगी की घटना होने पर लोगों के चापानल, कुओं या बोरिंग पर ही निर्भर होना पड़ता है. प्रखंड मुख्यालय से 15 किलोमीटर पश्चिम व 16 किलोमीटर दक्षिण तक फैले लंबे प्रखंड क्षेत्र में अगलगी से बचाव के […]
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