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पैक्स . ऑन लाइन िमल रही है सदस्यता, अब तक 277 िकसान बने सदस्य जिले के 218 पैक्सों में वर्तमान में 3,42,193 सदस्य हैं. जिले की आबादी के अनुसार सदस्य कम होने के कारण सदस्यों की संख्या बढ़ाने को लेकर अभियान चलाया जा रहा है. अररिया : पैक्सों के सदस्यों में इजाफा करने के उद्देश्य […]

पैक्स . ऑन लाइन िमल रही है सदस्यता, अब तक 277 िकसान बने सदस्य

जिले के 218 पैक्सों में वर्तमान में 3,42,193 सदस्य हैं. जिले की आबादी के अनुसार सदस्य कम होने के कारण सदस्यों की संख्या बढ़ाने को लेकर अभियान चलाया जा रहा है.
अररिया : पैक्सों के सदस्यों में इजाफा करने के उद्देश्य से ऑनलाइन सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है. यह अभियान विगत जुलाई-अगस्त माह से ही सहकारिता विभाग के प्रधान सचिव के निर्देश पर चलाया जा रहा है, लेकिन सदस्यों की संख्या में उम्मीद के मुताबिक इजाफा नहीं हो पा रहा है. सहकारिता विभाग ने ऑनलाइन सदस्यता के लिए बकायदा एक वेबसाइट विकसित कर किसानों को जोड़ने का अभियान चला रहा है. लेकिन व्यापक प्रचार-प्रसार के अभाव में ऑन लाइन सदस्यता अभियान का फायदा किसान नहीं उठा पा रहे हैं.
जानकारी अनुसार अब तक जिले में ऑनलाइन सदस्यता ग्रहण करने वाले नये सदस्य की संख्या 277 तक ही पहुंच पायी है. जानकारी अनुसार राज्य के सभी 6463 पैक्सों में ऑनलाइन सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है. पूरे राज्य में वर्तमान समय में 1.16 करोड़ किसान पैक्सों सदस्य बन चुके हैं. बिहार सहकारिता अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार राज्य के प्रत्येक परिवार से कम से कम एक व्यक्ति को पैक्स का सदस्य बनाया जाना है. सदस्यता में कमजोर वर्ग एवं महिलाओं को प्राथमिकता दी जानी है.
किसान सदस्य बनने के क्या हैं फायदे : ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को आर्थिक मजबूती प्रदान करने के लिए पैक्सों का निर्माण किया गया है. इसके तहत किसानों को खाद्यान्न से लेकर उन्हें खाद व बीज मुहैया कराने के अलावा अनाज बेचने के लिए बाजार मुहैया कराने की भी जिम्मेवारी पैक्सों की है. यह फायदा उन्हें किसानों को मिलता है जो पैक्स के सदस्य हैं.
सहकारिता विभाग सब्सिडी के आधार पर किसानों को ऋण मुहैया कराता है. जानकारी अनुसार ऋण राशि पर सात प्रतिशत ब्याज लगता है. इस राशि के भुगतान पर तीन प्रतिशत का सब्सिडी सरकार माफ कर देती है. वही सहकारिता विभाग को एक रुपये के इंट्री शुल्क व कम से कम 10 रुपये के शेयर मूल्य का भुगतान कर कोई भी व्यक्ति पैक्स का सदस्य बन सकता है. खास बात यह है कि जो भी व्यक्ति पैक्स के निर्वाचन के लिए चुनाव लड़ेगा उसे इंट्री शुल्क के अलावा शेयर मूल्य का भी भुगतान करने होगा. ऐसे शेयर होल्डर को ही सहकारिता बैंक ऋण प्रदान करते हैं. अगर सिर्फ इंट्री शुल्क प्रदान कर सदस्य बनते हैं तो वे सिर्फ वोट दे सकते हैं.
उन्हें चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं होगा. हालांकि वर्तमान समय में धान अधिप्राप्ति, खाद-बीज व केरोसिन छोड़कर ऋण आदि की सुविधा किसानों को मिलता नहीं दिख रहा है.
218 पैक्सों में साढ़े तीन लाख हैं सदस्य : जिले में वर्तमान समय में 218 पैक्स हैं. इसमें पुराने 3,42,193 के बाद 277 नये सदस्य बने हैं, जबकि जिले की आबादी लगभग 28 लाख है. इसलिए पैक्सों की सदस्या में लगभग दो गुणा इजाफा हो इसके लिए सहकारिता विभाग खास तौर से अभियान चला रहा है. ज्ञात हो कि इससे पहले वर्ष 2008 में सदस्यता अभियान चलाया गया था. इसमें इच्छुक सदस्य किसी भी पदाधिकारी या पैक्सों के माध्यम से पैक्स के सदस्य बनाये गये थे. उस समय में एससी, एसटी, पिछड़ा वर्ग से किसी भी प्रकास का सदस्यता शुल्क नहीं लिया गया था. सदस्यता शुल्क की राशि सरकार द्वारा वहन की गयी थी. हालांकि इस बार एससी, एसटी से किसी भी प्रकार की सदस्यता शुल्क नहीं लिये जाने की भी जानकारी मिल रही है.
पैक्स सदस्य बनने का क्या है प्रावधान
सहकारिता विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार www.cooperetive.bih.nic.in पर लॉगिंग कर नये किसान पैक्सों का ऑनलाइन सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं. इसके बाद किसान सदस्य इसका प्रिंट ऑउट निकालकर उसमें अपना पासपोर्ट साइज का फोटो, आधार कार्ड, आवासीय पहचान पत्र, बैंक पासबुक का छाया प्रति, मोबाइल नंबर के साथ उन दस्तावेजों को बीसीओ व जिला सहकारिता कार्यालय में जमा करा सकते हैं. उन्हें कुछ दिनों के बाद एक मैसेज प्राप्त होगा कि वे अपना सदस्यता शुल्क संबंधित कोऑपरेटिव बैंक में जमा कराये. इसके बाद वे पैक्स के किसान सदस्य के रूप में चयनित किये जायेंगे.
खास बातें
किसान पैक्स सदस्य बनकर प्राप्त कर सकते हैं कई लाभ
विगत जुलाई-अगस्त माह से चल रहा है सदस्यता अभियान
पैक्स खाद्यान्न, खाद-बीज व अनाज बेचने को बाजार उपलब्ध करायेगा

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