जागरूकता . जन्म-मृत्य का ऑडिट करने पहुंचे ऑडिटर ने जतायी नाराजगी
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पंजीकरण में लोग नहीं दिखा रहे रुचि
जागरूकता . जन्म-मृत्य का ऑडिट करने पहुंचे ऑडिटर ने जतायी नाराजगी वर्ष 2012-16 के बीच नप कार्यालय से 4398 जन्म और 1201 मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत हुआ है. टैक्स कलेक्टर ने कहा, निबंधन की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए टैक्स कलेक्टर को सक्रिय होना होगा. अररिया : नगर परिषद की आबादी के अनुरूप जन्म […]
वर्ष 2012-16 के बीच नप कार्यालय से 4398 जन्म और 1201 मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत हुआ है. टैक्स कलेक्टर ने कहा, निबंधन की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए टैक्स कलेक्टर को सक्रिय होना होगा.
अररिया : नगर परिषद की आबादी के अनुरूप जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के निर्गत होने की प्रक्रिया में जागरूकता का अभाव देखने को मिल रहा है. अभी भी वैसे ही लोगों के द्वारा जन्म अथवा मृत्यु प्रमाण पत्र का पंजीकरण कराया जा रहा है जिसे किसी सरकारी कार्यों या अन्य आवश्यक कार्यों में इसकी जरूरत महसूस होती है. नगर परिषद कार्यालय में जन्म अथवा मृत्यु प्रमाण पत्र के निर्गत करने को लेकर विधिवत एक कार्यालय कार्य करता है. इसकी जिम्मेवारी नप के कर्मी आदर्श शिवम को सौंपी गयी है. इसके द्वारा जांचोपरांत इसके निबंधन का दायित्व कार्यपालक पदाधिकारी के पास सुरक्षित है.
वर्ष 2012 से लेकर 2016 के बीच के आंकड़ों पर अगर गौर करें तो नप द्वारा 4398 जन्म प्रमाण पत्र जबकि 1201 मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है. नियमानुसार जन्म या मृत्यु के 21 दिनों के अंदर पंजीकरण करा लेना चाहिए, लेकिन ऐसा देखने को मिल नहीं रहा है. जानकारी अनुसार वर्ष 2012 से 2016 के बीच के चार वर्षों के जन्म व मृत्यु पंजीकरण के विभिन्न आंकड़ों पर गौर किया जाये तो पाया गया है कि 21 दिन के अंदर 482 जन्म प्रमाण पत्र जबकि 827 मृत्यु प्रमाण पत्र का निबंधन किया गया है, जबकि 21 दिन से 30 दिनों के अंदर 14 जन्म और 64 मृत्यु प्रमाण पत्र का निबंधन किया गया है. 30 दिन व एक साल के अंदर 41 जन्म और 35 मृत्यु प्रमाण पत्र का निबंधन किया गया है. दिलचस्प बात तो यह है कि एक साल के बाद के आंकड़ों में जबरदस्त इजाफा देखा गया है. एक साल के बाद जहां 3851 जन्म प्रमाण पत्र निर्गत किये गये हैं वहीं 310 मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत किये गये हैं. इससे एक बात तो स्पष्ट होता है कि आवश्कता के अनुसार लोग जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र का निबंधन कराते हैं. ऐसे में शहर में जन्म और मृत्यु के सही आंकड़ों का पता लगा पाना सरकारी महकमा के लिए भी मुश्किल साबित हो रहा है.
जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रक्रिया को अनिवार्य बनाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा नये-नये बदलाव व जागरूकता के कदम भी चलाये जा रहे हैं. नप कार्यालय में ऑडिट के लिए पटना से पहुंचे वरीय लेखा परीक्षा अधिकारी राकेश खन्ना के अनुसार नप क्षेत्र में संबंधित वार्डों के टैक्स कलेक्टर इस बात का ध्यान रखे कि जहां भी शिशु का जन्म होता है या फिर किसी की मृत्यु होती है, तो उसके परिवार वालों को जन्म या मृत्यु के पंजीकरण के महत्व का समझायें. उन्हें नप कार्यालय में आवेदन करने के लिए प्रेरित करे. साथ ही इसकी सूचना नप के कार्यपालक पदाधिकारी व संबंधित कार्य को देख रहे कर्मी को दें. उन्होंने बताया कि नप क्षेत्र में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविका अपने पोषक क्षेत्र के अधीन जन्म व मृत्यु का निबंधन 21 दिनों के अंदर कर सकती हैं. उन्हें सेविका सह उप रजिस्टार माना जायेगा. इसके लिए वे किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लेंगी. लेकिन वे संस्थागत सरकारी अस्पताल छोड़कर गैर संस्थागत लोगों जैसे कि किसी का जन्म घर में हुआ है का ही निबंधन कर सकती हैं. लेकिन सेविका को प्रति माह इसकी सूचना नगर परिषद कार्यालय को उपलब्ध कराना होगा.
आंगनबाड़ी की सेविका भी हैं उप रजिस्ट्रार, कर सकती हैं 21 दिनों के अंदर होने वाले जन्म या मृत्यु का निबंधन
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