Advertisement
मां की साड़ी से तो बचा ली दोस्त मुन्ना की जान, पर खुद डूब गया राहुल
पटना सिटी : मां की साड़ी फेंक कर डूब रहे दोस्त मुन्ना की जान तो राहुल ने बचा ली, लेकिन खुद की जान नहीं बचा पाया. वह खुद डूब गया. नियति का कुछ इसी तरह का खेल रविवार को गायघाट गंगा तट पर दिखा. दोस्त व गंगा तट पर मौजूद लोगों की मदद से बचा […]
पटना सिटी : मां की साड़ी फेंक कर डूब रहे दोस्त मुन्ना की जान तो राहुल ने बचा ली, लेकिन खुद की जान नहीं बचा पाया. वह खुद डूब गया. नियति का कुछ इसी तरह का खेल रविवार को गायघाट गंगा तट पर दिखा.
दोस्त व गंगा तट पर मौजूद लोगों की मदद से बचा मुन्ना तट पर बेसुध बैठा था कि आखिर देखते-देखते यह क्या हो गया. हादसे की खबर सुन पोस्टल पार्क से आये लोगों ने बताया कि राहुल एक भाई व एक बहन है, पिता राजकिशोर ऑटो चला कर बेटे को पढ़ाना चाहते थे. राहुल दसवीं कक्षा में पढ़ रहा था और अगले वर्ष मैट्रिक की परीक्षा देनेवाला था. परिजनों का कहना है कि वैशाखी इतवार पर मां गीता देवी ने परिवार की खुशहाली व समृद्धि के लिए व्रत रखा था. मां राहुल व उसके दोस्त मुन्ना के साथ गंगा स्नान करने आयी थी. स्थिति यह थी कि जब पांच बजे के आसपास में राहुल के शव को गंगा से गोताखोर ने निकाला, तो परिवार के लोग उम्मीद बांध कर नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर आये, शायद जीवनदान मिल जाये. पर वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. उसके बाद परिवार के लोग शव को अपने साथ ले गये.
कौन बनेगा मददगार
आइसक्रीम बेच कर परिवार को आर्थिक मदद देनेवाले विजय के परिवार का मददगार कौन बनेगा? कुछ ऐसे ही सवाल लोगों के मन में उभर रहे थे. दरअसल गुड़ की मंडी डंका इमली मुहल्ला निवासी विजय के सिर से पिता का साया उठ गया था. वह पढ़ाई छोड़ आइसक्रीम बेच परिवार की आर्थिक मदद करता था, जबकि साथ रहा दोस्त रोहित एफएनएस एकेडमी विद्यालय में आठवीं कक्षा का छात्र था. बड़ा भाई गोबिंद निशक्त है. गोविंद बताता है कि भाई पढ़ने में बहुत तेज था, आज कैसे वह इधर आया समझ में नहीं आ रहा है. कुछ ऐसी ही स्थिति गौरव के परिवारवालों की थी.
अस्पताल में जुटी भीड़, लोगों में आक्रोश
एक-एक कर जब डूबे तीनों का शव निकाला गया, तो परिवार व मुहल्ला के लोग उम्मीद के सहारे नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर आये, जहां जांच के बाद चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. स्थानीय लोगों की भीड़ अस्पताल में इस कदर बढ़ गयी कि वहां सुरक्षा व विधि व्यवस्था के लिए अगमकुआं थाना पुलिस को बुलाया गया. हालांकि अस्पताल में जुटे लोगों में पुलिस प्रशासन के खिलाफ गहरा आक्रोश था. बीच-बीच में हंगामा की नौबत भी बन रही थी.
हादसों का साक्षी रहा है गायघाट
पटना सिटी : इस गंगा घाट पर अक्सर डूबने से लोगों की मौत होती है. स्थानीय लोगों की मानें, तो एक साल के अंदर गंगा घाट पर कम-से-कम डेढ़ दर्जन लोगों की डूब कर मौत हुई है.
गोताखोर राजेंद्र सहनी कहते हैं कि स्नान के दरम्यान गांधी सेतु के 44 नवंबर पाया कि समीप गंगा तट पर काफी गहराई है, जिसमें अकसर लोग फंस कर डूब कर जाते हैं.
गायघाट पर डूबने का सिलसिला हर साल बना रहता है. इसके अलावा महावीर घाट व भद्र घाट पर भी लोग अकसर डूबते हैं. बीते एक मई को भी गायघाट पीपा पुल के समीप एक किशोर डूब गया था, जो रामकृष्ण नगर थाना क्षेत्र के नंद लाल छपरा निवासी जयप्रकाश यादव का 12 वर्षीय पुत्र सौरव कुमार था. अगले दिन उसका शव खाजेकलां घाट के समीप मिला था.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement