दनियावां / हिलसा : दुष्कर्म की घटना के बाद आरोपित पर कोई कार्रवाई नहीं होने से आहत पीड़िता ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली. घटना हिलसा ब्लॉक कॉलोनी की है. जानकारी के अनुसार पटना के दनियावां थाना क्षेत्र के चकरज्जा गांव निवासी महिला हिलसा प्रखंड के जूनियर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नर्स के पद पर कार्यरत है.
वह अपने 11 वर्षीया पुत्री के साथ प्रखंड कार्यालय स्थित सरकारी आवास में रहती है. आठ मार्च को दोपहर दो बजे के आसपास आवास के बगल में स्थित पानी टंकी का ऑपरेटर चंडी थाना के सुमका गांव निवासी प्रियरंजन कुमार उर्फ सोनू दीवार फांद कर उनके घर में घुस गया. उस समय मां के ड्यूटी जाने के बाद किशोरी कमरे में अकेली थी. सोनू किशोरी के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम देकर फरार हो गया. जब मां ड्यूटी से आयी तो किशोरी ने रो-रोकर घटना की पूरी जानकारी दी.
पीड़िता की मां ने नौ मार्च को हिलसा थाने में ऑपरेटर को नामजद अभियुक्त बनाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी थी. घटना के बाद भी आरोपित खुलेआम घूमते रहा और विद्यालय जाने-आने के दौरान पीड़िता को तंग करता था. पीड़िता की मां ने कई बार पुलिस से संपर्क कर आरोपित को गिरफ्तार करने की गुहार लगायी लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं हुई. शनिवार को जब मां ड्यूटी कर घर आयी तो बेटी आरोपित को सजा दिलाने की बात करते हुए रोने लगी. पुत्री को समझाने के बाद मां कमरे के बाहर वहां मौजूद कुछ महिलाओं से बातचीत करने लगी. इसी बीच कमरे को अंदर से लॉक कर पीड़िता ने फांसी लगा खुदकुशी कर ली. मां जब कमरे में पहुंची तो गेट को अंदर से बंद पाकर आवाज लगाने लगी लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.
इसके बाद उसने अंदर झांक कर देखा तो पीड़िता फंदे से झूल रही थी. घटना की खबर मिलते ही हिलसा पुलिस पहुंची और शव को अपने कब्जे में ले लिया. मृतका की मां ने बताया कि रेप की घटना के बाद पुलिस आरोपित पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी, जिससे उनकी पुत्री काफी आहत थी. अगर पुलिस ने कार्रवाई की होती तो पीड़ित फांसी नहीं लगाती. इधर, थानाध्यक्ष आरके झा ने रेप की घटना से इनकार करते हुए कहा कि छेड़खानी हुई थी. उन्होंने दावा किया कि इस पर पुलिस जांच-पड़ताल कर रही थी. थानाध्यक्ष ने पुलिस पर लगाये जा रहे आरोपों को गलत बताया.