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बड़ा खुलासा ! दिल्ली के हवाला का पैसा गया में होता था सफेद
कौशिक रंजन पटना : नोटबंदी के बाद गया के मोती बाबू के यहां आयकर विभाग ने छापेमारी कर उनके ब्लैक मनी को व्हाइट करने के बड़े रैकेट का खुलासा किया था. मामले की जांच का दायरा जैसे-जैसे बढ़ता जा रहा है, इसमें संलिप्त लोगों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. इसका कनेक्शन दिल्ली के […]
कौशिक रंजन
पटना : नोटबंदी के बाद गया के मोती बाबू के यहां आयकर विभाग ने छापेमारी कर उनके ब्लैक मनी को व्हाइट करने के बड़े रैकेट का खुलासा किया था. मामले की जांच का दायरा जैसे-जैसे बढ़ता जा रहा है, इसमें संलिप्त लोगों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. इसका कनेक्शन दिल्ली के हवाला कारोबारी बिमल जैन और दिनेश जैन के अलावा मुंबई के हवाला रैकेट से जुड़ा मिला है.
इसमें मुख्य रूप से ब्लैक मनी को सप्लाइ करने वाले ‘गुप्ता’ नाम का एक बड़ा कारोबारी भी सामने आया है. इनका एक पूरा रैकेट था, जो अपनी ब्लैक मनी को मोती को भेजता था. मोती इन पैसों को सफेद करने का काम करता था. इसके ऐवज में उसे दो से ढाई प्रतिशत कमीशन मिलता था. फिलहाल गुप्ता और इसके जैसे अन्य बड़े शख्सियतों की तलाश चल रही है. मनी लांड्रिंग कीबात सामने आने पर आयकर विभाग ने इस मामले में पीएमएलए (प्रीवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट) के तहत कार्रवाई करने के लिए इडी को ट्रांसफर कर दिया गया है. इस मामले की जांच आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने भी शुरू कर दी है. मोती समेत इस तरह के सात अन्य मामलों की जांच इडी को सौंपी गयी है.
जनधन के अलावा भी मिले सेविंग खाते
जनधन खातों के अलावा मोती के इस रैकेट में एसबीआइ और एक्सिस बैंक में खोले गये करीब 10 ऐसे खातों का पता चला है, जो सेविंग या लोन एकाउंट हैं. इन खातों का भी उपयोग ब्लैक से व्हाइट करने के खेल में हुआ. इन खातेदारों को इसकी जानकारी है. सेविंग एकाउंट वाले खातेदारों को कुछ रुपये देकर उनके नाम से खाता खोला गया. फिर उनसे पूरी चेकबुक पर हस्ताक्षर करवा कर इसे दिल्ली भेज दिया गया, जहां से समय-समय पर तय लिमिट में रुपये की निकासी कई दूसरे खातों में या सीधे निकालने का काम किया गया है. तीन-चार लोन खातों का भी पता चला है, जिनका उपयोग भी ब्लैक मनी को छिपाने में उपयोग किया गया है.
आयकर विभाग ने नोटबंदी के बाद ब्लैक मनी को व्हाइट करने के खेल से जुड़े 70 से ज्यादा संदिग्ध खातों को सीज किया है. अभी एेसे करीब तीन हजार संदिग्ध खातों की जांच चल रही है. इन 70 खातों में सात बैंक खातों में मनी लांड्रिंग की बात सामने आयी है. इन पर पीएमएलए के तहत कार्रवाई करने के लिए इन्हें इडी को ट्रांसफर किया गया है. मोती बाबू के अलावा ये हैं छह अन्य…
माधुरी ज्वेलर्स
बाकरगंज स्थित इस दुकान में एक करोड़ के पुराने नोट को कमीशन लेकर बदलने के अलावा पुराने नोट लेकर सोना बेचने का मामला सामने आया है. बिना सही नाम और पता लिये लोगों को लाखों रुपये के सोने के ज्वेलर्स बेचे गये हैं. कच्चे बिल पर अवैध कारोबार की बात भी सामने आयी है.
पूजा ट्रेडर्स
मुजफ्फरपुर में अशोक और राजकुमार गोयनका ने अपने चपरासी अशोक कुमार के नाम से कोटक महिंद्रा और आइसीआइसी बैंक में खाता खुलवा कर 20 करोड़ से ज्यादा ब्लैकमनी को व्हाइट कर दिया था.
नितेश सिकारिया
पटना सिटी के इस व्यापारी के पास आठ करोड़ से ज्यादा की वित्तीय अनियमितता पायी थी. इसने भी बेनामी या ब्लैक मनी को खपाने के लिए कई स्तर पर धांधली की थी. यह एक जाने-माने ब्रांड का स्टॉकिस्ट है.
सितारा देवी
आरा की रहनेवाली इस महिला के जन धन बैंक खाते में एक करोड़ किसी ने जमा करा दिया था.एयरपोर्ट मामला : पटना एयरपोर्ट पर थाईलैंड के नागरिक शुवात्चाई परिथान के पास से 500 और हजार रुपये की पुरानी करेंसी में एक करोड़ 20 लाख रुपये बरामद किये गये थे.
मोती बाबू के मामले की शुरुआती जांच में 30 जन-धन बैंक खातों का उपयोग करके 20 करोड़ से ज्यादा ब्लैक मनी को व्हाइट करने की बात सामने आयी थी. अब तक हुई जांच में ऐसे बेनामी खातों की संख्या बढ़ कर 193 हो गयी है. बैंक ऑफ इंडिया के 30 बैंक खातों के अलावा पीएनबी बैंक में भी दर्जनों ऐसे जनधन खाते मिले हैं, जिनका उपयोग ब्लैक मनी को व्हाइट करने में किया गया है. इन बैंक खातों का इस्तेमाल हवाला रैकेट के ब्लैक मनी को व्हाइट करने में किया गया है.
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