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मां, बेटा और बेटी की ट्रेन से कट कर मौत
मोकामा : मोकामा रेल थाना क्षेत्र के पंडारक स्टेशन पर सोमवार की सुबह ट्रेन की चपेट में आने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गयी. मरनेवालों में मां, बेटा और बेटी शामिल हैं. मां चम्पा देवी (35 वर्ष), बेटा रविरंजन (2 महीने) और बेटी किरण कुमारी (5 वर्ष) शामिल है. जानकारी […]
मोकामा : मोकामा रेल थाना क्षेत्र के पंडारक स्टेशन पर सोमवार की सुबह ट्रेन की चपेट में आने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गयी. मरनेवालों में मां, बेटा और बेटी शामिल हैं. मां चम्पा देवी (35 वर्ष), बेटा रविरंजन (2 महीने) और बेटी किरण कुमारी (5 वर्ष) शामिल है.
जानकारी के अनुसार ग्वाशा भोखपुरा निवासी राजकुमार सिंह सपरिवार मोकामा रिश्तेदार के यहां से आ रहे थे. वे टिकट लेने प्लेटफॉर्म संख्या एक गये थे. उनकी पत्नी चंपा देवी अपने दो बच्चों को लेकर आ रही थी. चंपा देवी रविरंजन को गोद में और किरण का हाथ पकड़ कर पटरी पार कर प्लेटफॉर्म संख्या एक पर आ रही थी. इस दौरान तीनों डाउन लाइन पर आ रही दानापुर-साहेबगंज इंटरसिटी ट्रेन की चपेट में आ गये. इससे पहले राजकुमार अपने दो वर्ष की बेटी अवंतिका को गोद में लेकर टिकट कटाने पहले ही लाइन क्रॉस कर प्लेटफॉर्म पर चढ़ गये थे.
स्टेशन पर मौजूद यात्रियों ने मचाया हंगामा : स्टेशन पर मौजूद लोगों ने बताया कि कुहासे के कारण चंपा देवी को ट्रेन नहीं दिखी और हादसा हो गया. स्टेशन पर मौजूद यात्रियों ने जम कर हंगामा किया. यात्री रेलवे की लापरवाही को हादसा का कारण मान रहे थे. यात्रियों ने बताया कि यदि ड्राइवर ने हॉर्न बजाया होता, तो यह घटना नहीं होती. वहीं, रेल प्रशासन ने हॉर्न नहीं बजाने के आरोप को गलत बताया है.
आक्रोशित स्थानीय लोगों ने रेल ट्रैक को जाम कर दिया. मोकामा रेल इंस्पेक्टर संजय कुमार सिंह, आरपीएफ इंस्पेक्टर पंकज कुमार, बाढ़ जीआरपी, पंडारक थाने की पुलिस मौके पर पहुंच कर लोगों को शांत कराया. इस बीच साढ़े पांच घंटे से अधिक समय तक गाड़ियों का परिचालन बाधित रहा. पटना के डीएम संजय अग्रवाल के निर्देश पर बीडीओ मनीषा प्रसाद ने मुआवजे की घोषणा की है. इसके बाद लोगों ने जाम को समाप्त किया और परिचालन शुरू हो सका.
एक दर्जन से अधिक ट्रेनें फंसी रहीं स्टेशनों पर
पंडारक में हुए हादसे के बाद मोकामा सहित अन्य स्टेशनों पर कई ट्रेनें फंसी रहीं. मोकामा और पटना के बीच अप और डाउन लाइन पर 6 घंटे तक परिचालन बाधित रहा. पटना की ओर जानेवाली गाड़ियों में भागलपुर इंटरसिटी, कोसी एक्सप्रेस, पाटलिपुत्र एक्सप्रेस, राज्यरानी एक्सप्रेस, कटिहार एक्सप्रेस, ब्रहमपुत्र मेल, झाझा-पटना पैसेंजर, अपर इंडिया एक्सप्रेस, कमला गंगा पैसेंजर, हावड़ा मोकामा पैसेंजर, सहित अन्य ट्रेनें छोटे बड़े स्टेशनों पर घंटों रुकी रही. डाउन लाइन में पटना-बरौनी पैसेंजर, पटना-धनबाद इंटरसिटी, विक्रमशिला एक्सप्रेस सहित अन्य ट्रेनें डाउन लाइन में फंसी रही.
पंडारक स्टेशन पर स्थिति सामान्य होने के बाद परिचालनको चालू किया गया.
उपरि पुल का इस्तेमाल करते, तो नहीं होता हादसा
राजकुमार सिंह पंडारक पर स्थित उपरि पुल का इस्तेमाल करते, तो हादसा नहीं होता. ग्वाशा भोखपुरा निवासी राजकुमार सिंह अपने गांव से आने के बाद पंडारक स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या एक पर जान चाह रहे थे.
प्लेटफॉर्म संख्या एक पर आने के चक्कर में राजकुमार सिंह और उनका परिवार पंडारक स्टेशन के पूर्व स्टार्टर सिगनल के पास से ही आ रहा था. इसी दौरान डाउन मेन लाइन पर आ रही साहेबगंज इंटरसिटी ट्रेन स्टॉपेज नहीं होने के कारण काफी तेजी से आ रही थी. कुहासा के कारण ट्रेन अचानक कब निकल गयी, इसका कोई पता नहीं चला और एक बड़ी घटना हो गयी.
डीएम ने की चार लाख रुपये मुआवजे की घोषणा
पंडारक स्टेशन पर ट्रेन से कट कर तीन लोगों की मौत के मामले में राज्य सरकार के निर्देश पर पटना जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल ने मुआवजे की घोषणा की. डीएम ने बताया कि तीनों मृतकों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपये दिये जायेंगे. डीएम ने पंडारक की बीडीओ मनीषा प्रसाद को घटना स्थल पर भेजा.
डीएम के प्रतिनिधि के तौर पर पहुंची बीडीओ ने नाराज लोगों को शांत कराया. इसके अलावा ग्वाशा शेखपुरा गांव के लोगों की सुविधा के लिए रेलवे लाइन पर रोड ओवरब्रिज बनाने के लिए रेलवे से पत्राचार करने का भी आश्वासन दिया. इसके बाद नाराज लोग रेल ट्रैक से हट गये और विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया.
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