पटना: बिहार जन संसद में लोक परिषद द्वारा भोजन का अधिकार के तहत व्यापक एवं सार्वभौमिक खाद्य सुरक्षा गारंटी पर आवाज उठायी गयी. लोक परिषद के ऋत्विज कुमार ने कहा कि विकास के तमाम दावों के बावजूद भूख, कुपोषण, बेरोजगारी में बेतहाशा वृद्धि हो रही है.
राज्य की लगभग 90 प्रतिशत जनसंख्या कृषि कार्य पर निर्भर है. राज्य सकल घरेलू उत्पाद में कृषि की हिस्सेदारी लगभग 20 प्रतिशत है. इससे स्पष्ट होता है कि वर्तमान विकास में 90 प्रतिशत लोगों की हिस्सेदारी घट रही है जो काफी चिंता का विषय है. यही कारण है कि अमीरी और गरीबी की खाई बढ़ती जा रही है.
शिकायत निवारण के लिए बने प्रणाली
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून- 2013 के तहत बिहार की 86 प्रतिशत आबादी को जन वितरण प्रणाली से लाभ मिलना है. इसमें लाभार्थियों का सही चुनाव, अनाज की उपलब्धता, योजनाओं का क्रियान्वयन की प्रक्रिया शामिल हैं. लोक परिषद ने मांग की है कि सभी सरकारी योजनाओं के शिकायत निवारण के लिए जिला से पंचायत स्तर पर स्वतंत्र निवारण प्रणाली बनायी जानी चाहिए. निवारण नहीं होने पर ग्राम कचहरी में सुनवाई का प्रावधान किया जाये. अनाज नहीं मिलने की शिकायत का निवारण नहीं होने पर हंगर कोर्ट में केस सुनवाई की जाये.