पटना : कंकड़बाग के सांईं मंदिर के पीछे उपेंद्र सिंह के मकान में रह रहे 11वीं के छात्र अवनीश कुमार की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गयी. परिजनों ने हत्या की आशंका जतायी है और कंकड़बाग पुलिस को जानकारी दी है. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. छात्र के शरीर पर कहीं भी चोट का निशान नहीं है. केवल मुंह के अंदर से ब्लड आ रहा था, जो दांतों में लगा था. बताया जाता है कि वह बाथरूम में अचेत पड़ा मिला. रूम पार्टनर विक्की ने जगदीश मेमोरियल हॉस्पिटल में भरती कराया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी.
अवनीश मूल रूप से छपरा के सिकटी का रहनेवाला था और उसके पिता रामेश्वर राय प्राइवेट जॉब करते है. वह पांच भाई-बहनों में सबसे छोटा था. उसने पटना के एक कॉलेज में 11वीं में एडमिशन लिया था. इसके बाद वह दो अन्य छात्रों के साथ उपेंद्र सिंह के मकान में तीन माह से रह रहा था. अवनीश की बहन कस्तूरी ने हत्या की आशंका जतायी और बताया कि उसके भाई को मुंह दबा कर मार डाला गया है. कंकड़बाग थानाध्यक्ष सुरेश प्रसाद ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, जांच जारी है.
दो बजे परिजनों को घटना की मिली जानकारी
कस्तूरी ने बताया कि उसका भाई बुधवार को 10 बजे अपने रूममेट के किसी रिश्तेदार को छोड़ने के लिए मीठापुर बस स्टैंड गया था. इसके बाद उसने इयर फोन से काफी देर गाना सुना और फिर अपने अन्य दोस्तों को भी सुनाया. इसके बाद उसके साथ क्या हुआ, इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दे रहा है.
पटना के एडीजे वन के अदालत की ओर से फुलवारीशरीफ के नाबालिग का दुष्कर्म कर हत्या मामले में अभियुक्त मोहम्मद सज्जाद, मोहम्मद कमाल , मोहम्मद गुड्डू ऊर्फ टूटू, मोहम्मद परवेज उर्फ मिस्टर को आजीवन कारावास व सात -सात हजार रुपये अर्थदंड की सजा दी गयी.
अभियुक्तों ने नाबालिग को 8 मार्च, 2014 को संध्या को घटना को उस समय अंजाम दिया, जब वह घर के बाहर खेल रही थी. सभी अभियुक्त उसे बहला-फुसला कर दूर ले गये अौर सामूहिक दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी थी. उसके शव को अर्द्धनिर्मित मकान स्थित पानी टंकी में फेंक दिया, जिसे पुलिस ने बरामद किया था. सभी अभियुक्त फुलवारीशरीफ के निवासी हैं. अदालत ने दो अभियुक्तों को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया हैं.
पटना. गर्दनीबाग में धरना स्थल पर बैठे 102 एंबुलेंस चालकों को धमकी देने का मामला सामना आया है. धमकी के बाद चालकों ने पुलिस व जिला अधिकारी को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की है.
वहीं जानकारी देते हुए 102 एंबुलेंस चालक संघ के अध्यक्ष सोनू कुमार ने बताया कि 20 दिसंबर को अपनी मांग को लेकर चालक संघ धरना पर बैठे थे, तभी रात को अचानक कुछ लोग स्थल पर पहुंच गये और आंदोलन खत्म करने की धमकी देने लगे. इतना ही नहीं दर्जनों की संख्या में आये लोग पोस्टर बैनर तक फाड़ दिये. सचिव अरविंद कुमार वर्मा ने कहा कि बिना अगर सरकार ध्यान नहीं देगी तो चालकों को डर साये में धरना देने को मजबूर हो जायेंगे.