नरेंद्र
पटना : अप्रैल-मई में होनेवाले लोकसभा चुनाव में बुजुर्ग कांग्रेसी उम्मीदवारों को टिकट मिलेगा या नहीं, उस पर संशय है.अगर इस फॉमरूले को लागू किया गया, तो भागलपुर से सदानंद सिंह, औरंगाबाद से श्यामा सिंह और किशनगंज के सांसद इसरारूल हक की दावेदारी खतरे में पड़ जायेगी. हालांकि, कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय चुनाव समिति व छानबीन समिति ने इन सीटों के लिए विकल्प के तौर पर दो से तीन अन्य नाम भी राष्ट्रीय नेतृत्व को भेजा है.
नये व युवा चेहरों को प्राथमिकता : कांग्रेस के राजनीतिक हलकों में चल रही चर्चा के अनुसार राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रदेश नेतृत्व को जो गाइड लाइन भेजी है, उसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इस बार हर क्षेत्र में युवा व नये चेहरों को मौका दिया जायेगा. इसी गाइड लाइन के अनुरूप प्रत्याशियों की सूची राष्ट्रीय नेतृत्व को भेजी गयी है.
40 सीटों पर तैयारी : प्रत्याशी कौन बनेगा, यह तो राजद-लोजपा से संभावित गंठबंधन में सीटों के तालमेल की तसवीर स्पष्ट होने के बाद ही पता चल पायेगा, लेकिन कांग्रेस की अंदरूनी तैयारी 40 सीटों पर उम्मीदवार देने की है.
प्रदेश उपाध्यक्ष व मीडिया प्रभारी प्रेमचंद मिश्र इसकी पुष्टि करते हुए बताते हैं कि सभी प्रमुख जगहों पर कांग्रेस अपना उम्मीदवार देगी. अल्पसंख्यक, पिछड़ा, अगड़ा व दलित, महादलित की नुमाइंदगी दी जायेगी. हर सीट पर जिताऊ उम्मीदवार दिया जायेगा. कांग्रेस का प्रयास है कि धर्मनिरपेक्ष ताकतों को लाभ मिले.