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पुलिस में भरती कराने के नाम पर लाखों की ठगी, ससुर ने दामाद को बनाया मोहरा

पटना: बिहार पुलिस में भरती कराने के नाम पर वैशाली जिला निवासी लालो राम ने अपने दामाद पांचू राम को मोहरा बना कर 15 युवकों से साढ़े तीन लाख रुपये ठग लिये. नौकरी नहीं मिलने पर जब युवकों ने पांचू से अपने पैसे मांगे, तो उसे ससुर की करतूतों का पता चला. उसने ससुर के […]

पटना: बिहार पुलिस में भरती कराने के नाम पर वैशाली जिला निवासी लालो राम ने अपने दामाद पांचू राम को मोहरा बना कर 15 युवकों से साढ़े तीन लाख रुपये ठग लिये. नौकरी नहीं मिलने पर जब युवकों ने पांचू से अपने पैसे मांगे, तो उसे ससुर की करतूतों का पता चला. उसने ससुर के खिलाफ एसएसपी मनु महाराज से इसकी शिकायत की. पुलिस के अनुसार लालो राम खुद को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का करीबी बताते हुए स्थानीय युवकों से बिहार पुलिस में भरती की बात कहता था. इसके लिए उसने अपने दामाद को मोहरा बनाया. उसके माध्यम से लालो ने 15 लोगों से 10 से 25 हजार रुपये तक ठगे. पैसे की वसूली थाने के आसपास की जगहों पर होती थी.

दे दिया फर्जी नियुक्ति पत्र : नौकरी न मिलने पर ठगी के शिकार युवकों ने जब पैसे मांगे, तो लालो राम ने इनकार कर दिया. इस बात को लेकर उसने पुलिस में शिकायत की. इसके बाद लालो राम ने उक्त युवकों को फर्जी परिचयपत्र व नियुक्तिपत्र बना कर दे दिया. लेटर के आधार पर युवक जब संबंधित जगहों पर ज्वाइन करने गये, तो खुद को ठगी किये जाने का पता चला. लालो राम के इनकार करने पर युवक पांचू से पैसे मांगने लगे.

फंसता देख लगायी गुहार : पांचू खुद को फंसता देख उसने लालो से इसकी शिकायत की. इसे लेकर ससुर-दामाद में अनबन हो गयी. युवक राशि की वापसी के लिए पांचू पर दबाव डालने लगे. इस पर उसने ससुर से पैसे की मांग की, तो वे टालमटोल करने लगे. इसके बाद पांचू ने इसकी शिकायत स्थानीय थाने में की, लेकिन पुलिस ने कोई ध्यान नहीं दिया. तब गुरुवार को पांचू ने एसएसपी से लालो की गिरफ्तारी की मांग की.

सीएम के साथ फोटो दिखा करता था प्रभावित : लालो राम खुद को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का करीबी बताता था. लोगों पर प्रभाव डालने के लिए वह फर्जी फोटोग्राफी के माध्यम से नीतीश कुमार के साथ खिंचे फोटो को दिखाता था.

12 साल पहले हुई थी शादी : वैशाली जिले के राघोपुर दियरा निवासी पांचू राम की शादी 12 साल पहले अथमलगोला के राम नगर दियरा निवासी लालो की लड़की शोभा से हुई थी. इसके बाद दोनों दिल्ली की एक फैक्टरी में काम करते थे. 2010 में दोनों वापस आ गये और पटना, वैशाली, आरा व आसपास के इलाकों में पुलिस भरती के नाम पर ठगी करने लगे. एसएसपी मनु महाराज का कहना है कि वह मामले की जांच कर रहे हैं.

* चेहरा पहचानने के चक्कर में गंवाये 54 हजार

एक म्यूजिक चैनल पर टीवी सेलिब्रेटी का चेहरा पहचान कर 12 लाख 80 हजार रुपये इनाम जीतने के सुनहरा अवसर का विज्ञापन देख कर दीघा के इएसआइसी में कार्यरत प्रधान लिपिक प्रभा कुमारी देवी ने 54 हजार गंवा दिये. जालसाजों ने उनसे टैक्स देने व अन्य काम के लिए चार किस्तों में ये रुपये अपने एकाउंट में जमा करा लिये और उसके एवज में कोई राशि नहीं दी. इतना ही नहीं, वे लोग लगातार और पैसे की मांग करते रहे, जिसके कारण प्रभा देवी को ठगी का एहसास हुआ और उन्होंने एसएसपी के जनता दरबार में इसकी शिकायत की.

* चार किस्तों में ठग लिये रुपये : दानापुर की नासरीगंज निवासी प्रभा देवी के बेटे ने एक म्यूजिक चैनल में आ रहे चेहरा पहचानने और लाखों के इनाम जीतने का विज्ञापन देख कर बताये गये नंबर पर सही उत्तर भेज दिया. इसके कुछ दिन बाद 15 जनवरी को एक अज्ञात व्यक्ति ने फोन कर बताया कि आप लोगों ने सही उत्तर दिया है और 12 लाख 80 हजार रुपये का इनाम जीत गये हैं. इसके बाद उन लोगों ने फिर से फोन किया और बताया कि इतनी राशि के लिए उन्हें दस हजार टैक्स के रूप में देना होगा और उन्हें एक एकाउंट नंबर भी दिया. प्रभा देवी ने दस हजार को उस एकाउंट नंबर पर जमा कर दिया. इनाम के लोभ में प्रभा देवी ने चार किस्तों में 54 हजार जमा करा दिये. एकाउंट के संबंध में जब छानबीन की गयी तो पता चला कि वह जमशेदपुर के किसी निशांत के नाम से है.

* गिरोह के सदस्यों पर होगा डीए केस

रेलवे में फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी लगानेवाले गिरोह के सदस्यों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मुकदमा होगा. गिरोह के सभी सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया है. सरगना आइटीआइ कर्मी सत्येंद्र कुमार की पत्नी के नाम सवा करोड़ से अधिक की परिसंपत्ति होने का खुलासा हुआ है. पुलिस जबलपुर समेत अन्य ठिकानों की संपत्ति का आंकलन कर रही है.

एडीजी मुख्यालय रवींद्र कुमार ने बताया कि आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने बिहटा अमहारा के यमुनापुर गांव में सत्येंद्र प्रसाद के ठिकानों पर छापामारी कर जाली सर्टिफिकेट व मुहर स्टांप बरामद किये थे. हिरामनपुर के अमित यादव व सियाराम सिंह स्कॉलर के सहयोग से रेलवे की प्रतियोगिता परीक्षा में सम्मिलित कराते थे, वहीं बिहटा के नवरंग स्टूडियो के संचालक व मालिक तनुज कुमार व अनुज कुमार आवेदन पत्रों पर फोटो फिक्सिंग करते थे. छापामारी में 12 छात्रों के भरे हुए फॉर्म जब्त किये गये थे. अमित यादव के आवास से बिहार बोर्ड व राज्य ओपेन स्कूल भोपाल के मूल अंक पत्र एवं 23 छात्रों के भरे हुए फॉर्म मिले थे.

छापामारी में एसबीआइ, एसबीबीजे, देना बैंक, केनरा बैंक, पीएनबी, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा के पासबुक मिले. आर्थिक अपराध थाना में सत्येंद्र कुमार उर्फ मास्टर साहेब, सुरेंद्र कुमार उर्फ लंगड़ा, अनुज कुमार एवं तनुज कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया है.

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