पटना: बिहार विवि एक्ट-2014 की रिपोर्ट तैयार हो गयी है. एनआर माधव मेनन कमेटी ने सोमवार को शिक्षा मंत्री पीके शाही को रिपोर्ट सौंप दी. कमेटी ने पटना विवि एक्ट में कई संशोधन किये हैं. राज्यपाल अब तक सभी विवि के कुलाधिपति होते थे, लेकिन अब वे विजिटर के रूप में काम करेंगे. इसके साथ ही हर विवि के लिए अलग से कुलाधिपति व कुलपति की नियुक्ति होगी. इनकी नियुक्ति में राज्यपाल और सरकार की भूमिका होगी.
नये एक्ट के अनुसार, विश्वविद्यालयों में प्रति कुलपति का पद नहीं होगा. इसके अलावा एक जिले में एक ही विश्वविद्यालय के कॉलेज रहेंगे. एक्ट के लागू होने से पटना शहर में मगध विश्वविद्यालय के जो कॉलेज हैं, वे पटना विश्वविद्यालय में शामिल हो जायेंगे. विश्वविद्यालयों व कुलपतियों के अधिकार भी एक्ट में बदले गये हैं. पुराने विश्वविद्यालय एक्ट में शिक्षा विभाग को सिर्फ विश्वविद्यालयों को वेतन की राशि देने का ही अधिकार था. नये एक्ट में वित्तीय के साथ-साथ कुलाधिपति व कुलपति नियुक्ति में भी सहभागिता होगी.
विश्वविद्यालयों को एकेडमिक और एडमिनिस्ट्रेशन की पूरी आजादी रहेगी, लेकिन वित्तीय लगाम लगायी गयी है. पहले बिहार फाइनेंसियल रूल विश्वविद्यालयों में लागू नहीं हो सका था. इस कारण एक्ट के प्रस्ताव में ये बदलाव किये गये हैं.
नये एक्ट के प्रस्ताव
राज्यपाल अब कुलाधिपति नहीं, विजिटर रहेंगे
नियुक्ति में राज्यपाल व सरकार की होगी भूमिका
प्रति कुलपति का पद होगा खत्म
नहीं होगा अंतर विवि ट्रांसफर
एक जिले में एक ही विवि के रहेंगे कॉलेज
विवि को एकेडमिक व एडमिनिस्ट्रेशन की रहेगी आजादी
विश्वविद्यालयों की वित्तीय आजादी पर लगेगी लगाम