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अफसरों की प्रताड़ना ने ली सहायक बैंक प्रबंधक स्नेहा की जान

पटना/गोपालगंज: आइडीबीआइ बैंक, गोपालगंज की सहायक प्रबंधक 25 वर्षीया स्नेहा सिंह ने अपने आवास में आत्महत्या कर ली. शनिवार की सुबह आत्महत्या की खबर मिलते ही सनसनी फैल गयी. घटना की सूचना पर एएसपी अनिल कुमार पहुंचे. एसपी डॉ विनोद कुमार चौधरी की उपस्थिति में श्याम सिनेमा रोड स्थित किराये के मकान का दरवाजा तोड़ा […]

पटना/गोपालगंज: आइडीबीआइ बैंक, गोपालगंज की सहायक प्रबंधक 25 वर्षीया स्नेहा सिंह ने अपने आवास में आत्महत्या कर ली. शनिवार की सुबह आत्महत्या की खबर मिलते ही सनसनी फैल गयी. घटना की सूचना पर एएसपी अनिल कुमार पहुंचे. एसपी डॉ विनोद कुमार चौधरी की उपस्थिति में श्याम सिनेमा रोड स्थित किराये के मकान का दरवाजा तोड़ा गया, जहां पंखे में लटकता शव बरामद किया गया. पटना से पहुंची फोरेंसिक जांच टीम ने भी मामले की जांच की.

स्नेहा पटना के राजेंद्र नगर के रोड नं-12 के रहनेवाले अमरेंद्र प्रसाद सिंह की बेटी थी. अमरेंद्र गया के फतेहपुर में सब- इंस्पेक्टर हैं, जबकि उसके दादा तेग बहादुर सिंह रिटायर्ड आइपीएस अधिकारी हैं. स्नेहा सिंह आइडीबीआइ बैंक, गोपालगंज में सहायक प्रबंधक के पद पर पदस्थापित थी.

शनिवार की सुबह आठ बजे घर में काम करनेवाली नौकरानी जब पहुंची, तो काफी प्रयास के बाद भी दरवाजा नहीं खुला. उसके कहने पर लोगों ने खिड़की से पंखे से लटकता हुआ शव देख कर पुलिस को सूचना दी. पुलिस घटनास्थल से सुसाड नोट बरामद किया है, जिसमें बैंक के ही तीन अधिकारियों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया गया है. हालांकि, पुलिस आइडीबीआइ बैंक के शाखा प्रबंधक देवेंद्र पाल सिंह, ऑपरेशन मैनेजर शिव कुमार नायक, रत्नेश कुमार समेत सात लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. उधर, सुबह बैंक खुलते ही अनि शैलेंद्र कुमार, महिला थानाध्यक्ष सविता कुमारी बैंक पहुंचीं और तत्काल सभी कर्मी को हिरासत में ले लिया. पुलिस कप्तान के निर्देश पर फोरेंसिक जांच टीम के वरीय साइंटिस्ट दास अशोक कुमार, मतलुब रजा खान एवं जितेंद्र कुमार पहुंचे . फिंगर प्रिंट, सुसाड नोट की लिखावट व अन्य साक्ष्यों की जांच समाचार लिखे जाने तक जारी थी.

मां बोली- मैनेजर ने ली बेटी की जान
मां नीलू सिंह ने चीख कर कहा, मैनेजर ने मेरी बेटी की जान ले ली. घटना की खबर मिलने पर परिजनों के साथ मां मौके पर पहुंची. बहन रितिका ने कहा कि उसकी बहन की जिंदगी में जहर घोलने वाले बैंक अधिकारियों को सख्त सजा मिले. स्नेहा की मां रोज फोन कर हाल-चाल लेती थी. उन्होंने सुबह भी फोन किया, लेकिन किसी ने फोन रिसीव नहीं किया.

अंत में उन्होंने स्नेहा के बगल में रहनेवाले पंडितजी को फोन किया और जानकारी लेने को कहा. पंडितजी जब वहां गये, तो अंदर से किवाड़ बंद था. उसे जबरन खोल कर देखा, तो स्नेहा मृत थी.

गोपालगंज जाने के पहले खुश थी स्नेहा
स्नेहा छठ में पटना आयी थी. यहां से जहानाबाद के मखदुमपुर स्थित ननिहाल में छठ पूजा में शामिल होने के लिए गयी थी. लौटने के बाद वह खुशी-खुशी गोपालगंज गयी. राजेंद्र नगर स्थित आवास पर केवल स्नेहा के मामा टप्पू सिंह थे. उन्होंने कहा कि स्नेहा ने परेशानी की चर्चा नहीं की थी. अगर बताती, तो समाधान निकालने का प्रयास करते. स्नेहा चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी थी.

सुसाइड नोट : देर तक रोका जाता था बैंक में
सुसाइड नोट के अनुसार, बैंक में संभावित ऑडिट को देखते हुए पिछले कई माह से स्नेहा बैंक अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित की जा रही थी. आरोप है कि प्रताड़ना से आजिज आकर वह आत्महत्या करने को विवश हो गयी. सुसाइड नोट के मुताबिक उसे बैंक के प्रबंधक देवेंद्र पाल सिंह, ऑपरेशन मैनेजर शिव कुमार नायक, रत्नेश कुमार द्वारा ऑपरेशन मैनेजर के पद पर काम करने के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा था. हर दिन शाम 08.30 बजे के बाद उसे छोड़ा जाता था. शुक्रवार की रात भी 08.30 बजे छोड़ा गया.

फरवरी में थी शादी
दादा रिटायर आइपीएस तेग बहादुर सिंह स्नेहा की शादी की तैयारी में लगे थे. आइडीबीआइ बैंक, गोपालगंज में कार्यरत रहे सहायक प्रबंधक साहेबगंज के धनैया के रोशन के साथ शादी तय थी. तीन फरवरी को शादी थी. रोशन का आठ माह पूर्व छत्तीसगढ़ तबादला हुआ था.

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