पानी तक के लिए भटकते रहे बाल वैज्ञानिक
पटना : शिक्षक दिवस पर अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए राज्य के हर क्षेत्र से आनेवाले बाल वैज्ञानिकों को प्रशासन की उपेक्षाओं का शिकार होना पड़ रहा है. प्रशासन की तरफ से खाने की व्यवस्था नहीं है. बाल वैज्ञानिकों ने पूरे दिन भूखे रहकर प्रदर्शनी की तैयारी की.
शिक्षक दिवस समारोह पर 11-13 नवंबर को गांधी मैदान में मॉडल प्रदर्शनी होगी. जिसमें राज्य के हर क्षेत्र के बाल वैज्ञानिक प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे. इसके लिए समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, बक्सर,छपरा, सीवान, गोपालगंज, जहानाबाद, गया, पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, हाजीपुर, हजारीबाग, मधुबनी, सहरसा, नालंदा, बेगूसराय, भोजपुर और गया जिलों से लगभग 150 बाल वैज्ञानिक एकत्रित हुए हैं. उनके रहने की व्यवस्था बांकीपुर बालिका उच्च विद्यालय में है.
स्कूल में 10 नवंबर की सुबह से ही राज्य के दूरवर्ती क्षेत्र से बाल वैज्ञानिकों का आना जारी है. स्कूल प्रशासन ने बेड की व्यवस्था की, लेकिन उनके भोजन की व्यवस्था नहीं की. इस कारण बच्चों ने मार्केट से बिस्किट व अन्य सामान खरीद कर अपनी भूख मिटायी.
पश्चिम चंपारन से आने वाली निकी कुमारी का कहना है कि यहां खाने की कोई व्यवस्था नहीं है. वह अपने घर से लायी नमकीन खा रही है. ऐसी ही बात पूर्वी चंपारण की सलोनी और बक्सर की अंजू कुमारी ने कही.
घर से लाये कंबल : मॉडल प्रदर्शनी में आने वाले बच्चों को हिदायत दी गयी है कि वे अपने साथ कंबल जरूर लाएं. इन्हें जिन कमरों में रखा गया है वहां 10 से 12 बेड लगे हैं. एक बेड पर दो बच्चों के सोने की व्यवस्था की गयी है. विद्यालय के जिन कमरों में बच्चों को रखा गया है. वहां पीने के लिए पानी की व्यवस्था नहीं है. बच्चे मैदान परिषद् में लगे हैंड पंप से अपनी प्यास बुझा रहे हैं.