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2300 कर्मचारी नियमित

पटना: राज्य के तंबाकू उत्पादक किसानों को सरकार ने बड़ी राहत दी है. राज्य कैबिनेट ने मंगलवार को अविनिर्मित तंबाकू यानी खैनी को वैट से मुक्त कर दिया. अब तक उस पर 30 प्रतिशत टैक्स लिया जाता था. इसके अलावा दैनिक वेतनभोगी व कार्यभारित कर्मियों की सेवा नियमित करने का फैसला किया गया. इसके लिए […]

पटना: राज्य के तंबाकू उत्पादक किसानों को सरकार ने बड़ी राहत दी है. राज्य कैबिनेट ने मंगलवार को अविनिर्मित तंबाकू यानी खैनी को वैट से मुक्त कर दिया. अब तक उस पर 30 प्रतिशत टैक्स लिया जाता था. इसके अलावा दैनिक वेतनभोगी व कार्यभारित कर्मियों की सेवा नियमित करने का फैसला किया गया. इसके लिए पूर्व के आदेश को वापस लेते हुए नया कट ऑफ डेट निर्धारित किया गया है. प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के खाली पदों को भरने के लिए नयी प्रोन्नति नियमावली मंजूर की गयी है.

30 प्रतिशत लगता था टैक्स : कैबिनेट सचिव ब्रजेश मेहरोत्र ने बताया कि उत्तर बिहार में तंबाकू की खेती ज्यादा होती है. सरकार ने कोटपा के नये प्रावधान को प्रभावी बनाने व तंबाकू के कम सेवन के लिए टैक्स लगाने का फैसला लिया था. पहली बार 26 जून, 2012 को 20 प्रतिशत टैक्स लगाया गया था, बाद में फिर एक अप्रैल 2013 से कर की दर को 30 प्रतिशत कर दिया गया था. हाल ही में तंबाकू उत्पादक किसानों का प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से टैक्स को वापस लेने की मांग की थी. मुख्यमंत्री ने टैक्स को वास लेने का सरकार ने आश्वासन दिया था. उसी आश्वासन के आलोक में सरकार ने टैक्स वापस लेने का निर्णय लिया है.

मंत्रिमंडल ने 11 दिसंबर, 1990 के पूर्व या उस तिथि को नियुक्त लगभग 2300 कार्यभारित व दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की सेवा नियमित करने का फैसला लिया गया है. पहले कट ऑफ डेट 1979 था. इसका लाभ आदेश निर्गत होने की तिथि तक कार्यरत दैनिक वेतन भोगी व कार्यभारित कर्मियों को मिलेगा. इस प्रकृति के कर्मचारी कार्य विभाग यानी पीडब्ल्यूडी, ग्रामीण कार्य, पीएचइडी व लघु जल संसाधन व जल संसाधन विभाग में कार्यरत हैं. कैबिनेट ने प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के लिए जिल संवर्ग के शिक्षकों की प्रोन्नति के लिए बनी नियमावली को संशोधन करने का फैसला लिया है. नियमावली में संशोधन से उर्दू, संस्कृत, फाजिल, शास्त्री व आचार्य डिग्री धारी शिक्षक भी अब प्रधानाध्यापक बन सकेंगे.

राज्य में बन रहे बहुमंजिले इमारतों मेंअग्निशमनप्रावधानों को प्रभावी बनाने के लिए मंत्रिमंडल ने नया कानून लाने का फैसला लिया है. नये कानून मेंअग्निशमनपदाधिकारियों को निरीक्षण व अनापत्ति प्रमाणपत्र देने का अधिकार दिया गया है. पहले यह प्रावधान नहीं था. इसके नगर विकास एवं आवास विभाग से सहमति लेनी पड़ेगी.नये कानून मेंअग्निशमनसेवा को प्रभावी बनाने के लिए कुछ नये पदों का सृजन, अग्निरोधी भवन निर्माण का भी प्रावधान किया गया है. प्रारूप को विधानमंडल के मॉनसून सत्र में मंजूरी दिलाया जायेगा.

इसके अलावा पूर्वी चंपारण के मेहसी थानांतर्गत विष्णपुर बसंत गांव के जय बजरंग चौक पर नया पुलिस ओपी खोलने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए कुल 16 पद सृजित किये गये हैं. मंडल कारा जमुई, अररिया में फेज टू के तहत भवन निर्माण के लिए 59.34 करोड़ के पुनरीक्षित प्राक्कलन को मंजूरी दी गयी है. इसके अलावा कारा विभाग व महानिरीक्षक के पद को नया पदनाम दिया गया है. कारा विभाग अब कारा एवं सुधार सेवाएं तथा महानिरीक्षक कारा के पदनाम को महानिरीक्षक कारा एवं सुधार सेवाएं करने का फैसला हुआ है. अंजुमन तरक्की-ए-उर्दू को वेतन मद में आठ लाख रुपये सहायक अनुदान के रूप में देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है.

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