पटना: हैदराबाद की नवयुग कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट श्रीधर ने दावा किया है कि राजधानी में गंगा ड्राइव-वे का निर्माण लक्ष्य से पहले यानी साढ़े तीन साल में ही पूरा कर देंगे. गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि इसे चार साल में पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है. लेकिन, यह समय से पहले बन कर तैयार हो जायेगा व गुणवत्ता भी बेहतर होगी. यह न केवल पटना, बल्कि देश के लिए लैंडमार्क साबित होगा.
बीओटी सिस्टमवाला यह ड्राइव-वे इपीसी मोड में बनेगा. आमतौर पर किसी बड़ी योजना के लिए विभिन्न विभागों से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेने में भारी दिक्कतें होती हैं, किंतु गंगा ड्राइव-वे के मामले में यह दिक्कत नहीं ङोलनी पड़ी. पथ निर्माण विभाग के सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि यह बिहार का ड्रीम-प्रोजेक्ट है. इसके निर्माण की योजना कई वर्षो से बन रही थी. नदी किनारे दीघा से दीदारगंज तक बननेवाला गंगा ड्राइव-वे 21.5 किमी लंबा होगा. छह स्थानों पर यह अशोक राजपथ से कनेक्ट भी होगा. मुख्यमंत्री के साथ इस योजना पर 2007 में तत्कालीन पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव आरके सिंह की बैठक हुई थी.
2008 में आरसीडी व आइएलएफएस के साथ एमओयू साइन हुआ. आइआइटी, रुड़की से इसकी डीपीआर तैयार करायी गयी. अंतत: हुडको ने भी इसके लिए दो हजार करोड़ के ऋण की स्वीकृति दे दी. 23 अगस्त को नवयुग कंपनी के साथ करार हुआ. शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसका शिलान्यास करेंगे. उन्होंने बताया कि गंगा ड्राइव-वे पर टॉल वसूली भी होगी. इसकी दर जायज और रिजनेबुल होगा. भूमि अधिग्रहण की औपचारिकताएं पूरी कर ली गयी हैं. ड्राइव-वे से दानापुर से पटना सिटी की दूरी लोग 20-25 मिनटों में पूरी कर लेंगे. संवाददाता सम्मेलन में अभियंता प्रमुख देव नारायण प्रसाद भी मौजूद थे.