पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज मुख्यमंत्री और अन्य के खिलाफ चारा घोटाला मामला जिसकी सुनवाई झारखंड उच्च न्यायालय कर रही है, में आरोपों को संगीन होने का दावा करते हुए आज बिहार सरकार पर आरोप लगाया कि उनके द्वारा इस मामले को उठाए जाने के बाद से नीतीश सरकार उनके उपर झूठा मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजने के अवसर की तलाश में जुट गयी है.
पटना में आज पत्रकारों से करते हुए मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री यह सही कहे हैं कि चारा घोटाले में उनकी संलिप्तता के बारे में वे पूर्व में सैकडों बार सुन चुके हैं, पर इस मामले की आगामी 22 नवंबर को झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा की जाने वाली सुनवाई महत्वपूर्ण है, क्योंकि पहली बार न्यायालय ने सीबीआई से मुख्यमंत्री और जदयू के दो अन्य नेताओं की संलिप्तता को लेकर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है. मोदी ने कहा कि उनके द्वारा इस मामले को उठाए जाने के बाद से बिहार सरकार पिछले सात सालों के दौरान उनके वित्तमंत्री रहने के समय की फाईलों को खंगाल रही है ताकि उन्हें झूठे मुकदमें में फंसाकर जेल भेजा जा सके.
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार मामले में अगर पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा को सजा हो सकती है तो चारा घोटाला मामले में नीतीश कुमार को क्यों नहीं. मिथिलेश सिंह नामक व्यक्ति द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर झारखंड उच्च न्यायालय ने सीबीआई को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जदयू सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और शिवानंद तिवारी के खिलाफ आगामी 22 नवंबर को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है.
चारा घोटाला मामले में वर्तमान में जेल में बंद राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद के खिलाफ याचिका दायर करने वालों में शामिल रहे सुशील कुमार मोदी ने कहा कि ऐसा कहना गलत है कि वह नीतीश के खिलाफ यह आरोप गत जून महीने में जदयू का भाजपा से नाता तोड लिए जाने के कारण लगा रहे हैं बल्कि हमने यह मामला इसलिए उठाया क्योंकि झारखंड उच्च न्यायालय ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए नीतीश और दो अन्य लोगों के खिलाफ सीबीआई को हलफनामा दायर करने को कहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि चारा घोटला की ताप को महसूस करते हुए नीतीश ने इस मामले में खुद को असंलिप्त और निदरेष बताने के लिए ही अपने पुराने साथी और चारा घोटाला के एक अन्य आरोपी उमेश प्रसाद सिंह को पत्रकार सम्मेलन बुलाकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा था.
मोदी ने कहा कि इस मामले में संदिग्ध संलिप्तता को लेकर निगरानी विभाग में सेक्शन आफिसर रहे उमेश जेल जा चुके हैं. उन्होंने दावा किया कि बेउर जेल से उमेश ने सीबीआई अधीक्षक को पत्र लिखकर यह सूचित किया था कि उन पर चारा घोटाला मामले में सुशील कुमार मोदी को फंसाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है.