बिहटा: कश्मीर में पाक सेना के हमले में विजय कुमार राय के शहीद होने की खबर पहुंचते ही बिहटा थाने के आनंदपुर ठेकहा गांव में मातम छा गया. विजय 20 दिन पहले ही घर आये थे मां की आंख का ऑपरेशन कराने. बेटे की शहीद होने की सूचना मिलते ही विजय की मां अंजोरिया देवी ने चीत्कार मारते हुए बार-बार यही बात दुहरा रही
थी कि आंख बनाके का कईला. इ आंख से कइसे अब तोरा देखब. वर्ष 2003 में स्व नेतलाल राय (भूतपूर्व सैनिक, बिहार रेजिमेंट) के पुत्र विजय कुमार राय 21, बिहार रेजिमेंट में भरती हुए थे. लगभग आठ वर्ष पूर्व मनेर हुलासी टोले की पुष्पा के साथ उनकी शादी हुई थी. शादी के बाद उन्हें दो बच्चे-विवेक व पुत्री हुए. शहीद के एक भाई अजय कुमार राय भी सेना हैं. वह असम में तैनात हैं.
विजय के चाचा रामवीर सिंह (सेवानिवृत्त अर्धसैनिक बल का जवान) ने बताया कि विजय लगभग एक वर्ष पूर्व अंडमान निकोबार से पुंछ आया था. लगभग 20 दिन पूर्व वह गांव आया था, अपनी मां का आंख बनवाने. हमलोगों को क्या मालूम था कि यह आखिरी मुलाकात होगी. मंगलवार को दिन के एक बजे घटना की जानकारी मिली. इसके बाद परिजन मामले की पुष्टि के लिए दानापुर के लिए निकले थे.
जो हुए शहीद : नायक प्रेमनाथ सिंह (समहौता, छपरा), लांस नायक शंभु शरण राय (आरा), सिपाही विजय कुमार राय (आनंदपुर, ठेकहा बाजार, बिहटा) सिपाही रघुनंदन प्रसाद (छपरा), नायक पुंडालिक मने. घायल : शंभाजी