मशरक कांड के बाद बिहार में मिड डे मील का सुरक्षित संचालन एक चुनौती बना हुआ है. वहीं, बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर शिक्षकों के बहिष्कार से गुरुवार को करीब 20 फीसदी स्कूलों में मिड डे मील नहीं बना, जिसके कारण 20 लाख से अधिक बच्चे भूखे रहे. राज्य सरकार ने कार्रवाई की चेतावनी दी है. इधर, मशरक कांड की आरोपित प्रधान शिक्षिका को जेल भेज दिया गया. इस कांड के बाद चापाकलों में संदिग्ध पदार्थ डालने की घटनाएं बढ़ी है.
पटना: शिक्षकों के बहिष्कार के कारण राज्य के 20 फीसदी प्राथमिक स्कूलों में गुरुवार को मिड डे मील नहीं बना, जिससे 20 लाख से अधिक बच्चे स्कूलों में भूखे रहे. राज्य सरकार द्वारा कार्रवाई की चेतावनी देने के बावजूद बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ का कहना है कि मिड डे मील का बहिष्कार जारी रहेगा.
बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के आह्वान का पटना व दानापुर में खास असर नहीं दिखा. मिड डे मील के पटना सदर साधन सेवी विनोद कुमार ने बताया कि पटना सदर के ग्रामीण इलाके के लगभग 109 स्कूलों में मिड डे मील बनाया गया, जबकि शहरी क्षेत्र के 283 स्कूलों एकता शक्ति फाउंडेशन की ओर बना हुआ भोजन भेजा गया. वहीं, चिरैयाटांड़ मध्य विद्यालय में संस्था द्वारा बना खाना बच्चों ने खाया. लेकिन, सारण जिले के अधिकतर प्रखंडों के प्राथमिक व मध्य स्कूलों चूल्हा नहीं जला. सोनपुर, गड़खा, परसा, नगरा में आंशिक असर दिखा, वहीं लहलादपुर, मांझी, व नगरा में पहले की तरह स्कूलों में मिड डे मील बना.
गोपालगंज में 1775 विद्यालयों में से 1632 में मिड डे मील का संचालन होता है. इनमें सिर्फ 310 स्कूलों में भोजन बना. सीवान के 25 प्रतिशत स्कूलों में भोजन नहीं बना. बेगूसराय में 1611 स्कूलों में मिड डे मील संचालित है, जिनमें करीब 900 में भोजन नहीं बना. बक्सर में 1153 स्कूल में
1000 में मिल डे मील दियाजाता है.
लेकिन, करीब 400 स्कूलों में चूल्हा नहीं जला
सुप्रीम कोर्ट को दी जायेगी सूचना इधर, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अमरजीत सिन्हा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि औसतन 10 फीसदी स्कूलों में किसी-न-किसी कारण से रोज मिड डे मील बंद रहता है. लेकिन, शिक्षकों के बहिष्कार के कारण गुरुवार को 20 फीसदी विद्यालयों में खाना नहीं बंटा, जो गलत है. संघ से फिर अपील है कि वह मिड डे मील का बहिष्कार न करे. अगर वे बहिष्कार जारी रखेंगे, तो उन पर कार्रवाई होगी. साथ ही सुप्रीम कोर्ट को इसकी सूचना दी जायेगी , क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के 2004 के आदेश पर ही सभी राज्यों में यह योजना शुरू की गयी थी.
शिक्षक के नाम के साथ सूचना मांगी गयी
उन्होंने कहा कि शिक्षकों के बहिष्कार के कारण कहां-कहां मिड डे मील बंद रहा, इसकी सूचना मांगी गयी है. सूचना आने पर सभी से स्पष्टीकरण पूछा जायेगा. उक्त संघ ने बिना कोई सूचना दिये बहिष्कार शुरू किया है. मिड डे मील से शिक्षकों को अलग करना नीतिगत मसला है. इस पर रातों-रात कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता है. डीएम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मिड डे मील पर निरंतर निगरानी करने का निर्देश दिया गया है. मिड डे मील की मुख्य जिम्मेदारी विद्यालय शिक्षा समिति की है. इसके सदस्य प्रधानाध्यापक होते हैं, इसलिए इस कार्य से वे अपने को अलग नहीं रख सकते हैं.