* मोकामा में फर्जी एनकाउंटर के आरोप में जमादार भी गिरफ्त में
पटना/मोकामा : मोकामा बाइपास पर 31 मई की रात फर्जी मुठभेड़ में खगड़िया के दो युवकों की हत्या के आरोपित पुलिस इंस्पेक्टर अशोक कुमार सिंह और जमादार आरके चौधरी को शनिवार की शाम गिरफ्तार कर लिया गया. ये दोनों मोकामा थाने में पदस्थापित थे. फिलहाल उन्हें सचिवालय थाना में रख कर पूछताछ की जा रही है. उन्हें रविवार को बाढ़ कोर्ट में पेश किया जायेगा. मोकामा मुठभेड़ कांड की जांच सीआइडी कर रही है. दोनों की गिरफ्तारी नाटकीय तरीके से हुई.
उन्हें सुबह दस बजे पुलिस मुख्यालय में यह कहते हुए बुलाया गया कि पूछताछ करनी है. उनसे सीआइडी की एक विशेष टीम ने चार घंटे तक पूछताछ की. इसके बाद उन्हें सचिवालय थाना लाया गया. अपराह्न 3.45 बजे दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया.
मोकामा बाइपास पर 31 मई की रात राजू सिंह व अमर कुमार उर्फ राजा को क्लोज रेंज से गोली मारी गयी थी. पुलिस ने उन्हें बड़ा अपराधी बताया था. राजू सिंह के पिता व जद यू नेता अशोक सिंह ने इसे फर्जी मुठभेड़ बताते हुए मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी. दोनों युवकों के शवों का दोबारा पोस्टमार्टम कराया गया. एक को पंजरा के समीप व दूसरे को गरदन के समीप नजदीक से गोली मारी गयी है.
जहां गोली लगी थी, वहां का त्वचा काला पड़ गया था. त्वचा काला तभी पड़ता है, जब किसी को नजदीक से गोली मारी जाती है. नौ जून को मोकामा थानाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह सहित आधा दर्जन पुलिस अधिकारियों को वरीय अधिकारियों ने थाने से तब तक के लिए हटा दिया गया, जब तक कि जांच पूरी नहीं जाती.
* 31 मई की रात मोकामा में मारे गये थे राजू व राजा
* पिता ने फर्जी एनकाउंटर का लगाया था आरोप
* गिरफ्तार इंस्पेक्टर व जमादार से सचिवालय थाना में पूछताछ
* आज बाढ़ कोर्ट में पेश करेगी सीआइडी की टीम
– गाड़ी खरीदने आ रहे थे पटना
विधायक श्यामदेव सिंह के समधी अशोक सिंह (जदयू नेता) का बेटा था राजू. घटना के दिन वह अपने तीन साथियों अमर कुमार उर्फ राजा, बमबम मंडल व चंद्रशेखर कुमार के साथ स्कॉर्पियो से पटना आ रहा था. घटना के चश्मदीद बमबम और चंद्रशेखर यादव ने सीआइडी को बताया था कि वे लोग सैदपुर के रहने वाले अमर कुमार राजा (एनकाउंटर में मृत) के लिए गाड़ी खरीदने जा रहे थे. वे सैदपुर से अलौली गये.
वहां इचरूआ मुखिया नवीन के यहां खाना खाया और बखरी की तरफ बढ़े. बखरी में गाड़ी पंक्चर हो गयी. पंक्चर बनाने के बाद वे बेगूसराय होते हुए पटना की तरफ बढ़े. मोकामा में एक गाड़ी बीच एनएच 31 पर खड़ी थी. गाड़ी छोटू सिंह उर्फ राजू सिंह चला रहा था, जिसने गाड़ी को फ्लैंक पर उतार कर निकालने की कोशिश की. लेकिन गाड़ी फंस गयी. एनएच 31 पर खड़े उक्त वाहन से पुलिसकर्मी बाहर आये और गाड़ी को धक्का देकर एनएच 31 पर लाया.
गाड़ी में से एक पुलिस पदाधिकारी भी निकले, जिसने पूछा कि तुम्हारा नाम क्या है. उसने फिर किसी से फोन पर बात की और पूछा क्या तुम्हारा ही नाम राजू सिंह है. इस पर उसने कहा हां. इसके बाद उक्त पुलिस अधिकारी ने गाड़ी का नंबर चेक किया एवं फोन पर फिर किसी से बात की और कहा कि मार देता हूं. इस पर दोनों चश्मदीद वहां से भागने लगे. वे अभी कुछ ही दूर भागे थे कि चार आवाज हुई. दो धीरे से और दो जोर से.
* जदयू नेता का बेटा था राजू
31 मई : मध्य रात्रि में मोकामा पुलिस ने दो युवकों को मुठभेड़ में मार गिराया था. मृतकों में एक जदयू नेता का पुत्र
01 जून : मामले की जांच हथीदह के थानाध्यक्ष ज्योति प्रकाश को सौंपी गयी.
01 जून : आरोपित पुलिस पदाधिकारी के हथियार व मोबाइल जब्त.
02 जून : सीएम ने मामले की सीआइडी जांच का आदेश दिया
09 जून : मोकामा के सभी पुलिसकर्मी लाइन हाजिर.
27 जून : एसपी शुक्ला के नेतृत्व में सीआइडी टीम घटनास्थल पर.
05 जुलाई : चश्मदीद और पीड़ित परिजनों का बयान कलमबद्ध.
19 जुलाई : सुबह के छह बजे से छह बजे शाम तक सीआइडी की टीम ने मोकामा में की जांच.
20 जुलाई : घटना में शामिल इंस्पेक्टर अशोक कुमार सिंह और एसआइ राज कुमार चौधरी को किया गिरफ्तार.
* पुलिस का था दावा
पुलिस ने दावा किया था कि राजू सिंह के खिलाफ खगड़िया में दस से ज्यादा मामले दर्ज हैं. मुठभेड़ के बाद उसकी गाड़ी से बड़ी संख्या में कारतूस व हथियार जब्त किये गये थे.
* साजिशकर्ता का पता लगना बाकी : पिता
खगड़िया : मृतक राजू उर्फ छोटू के पिता व जदयू नेता अशोक सिंह ने कहा कि मुङो कानून पर पूरा भरोसा है. अभी पूरी तरह परदा उठाना बाकी है. सीआइडी अब इस बात का पता लगाये कि इस घटना को अंजाम दिलवाने के पीछे कौन लोग शामिल हैं. मां मुखिया रीता देवी ने कहा कि विरोधियों से मोटी रकम ली गयी है.