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जिस तारीख को मिलेगा बच्चा, वही होगा बर्थ डेट

गोद लिये बच्चों का जन्म प्रमाणपत्र बनवाना अब आसान होगा. सरकार द्वारा जन्म व मृत्यु निबंधन को अनिवार्य बना दिया गया है. लेकिन, अनाथ व भटके हुए बच्चाों के जन्मस्थान और जन्मतिथि को लेकर अक्सर मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. इसे दूर करने के लिए बिहार जन्म-मृत्यु निबंधन नियमावली में प्रावधान किया गया है […]

गोद लिये बच्चों का जन्म प्रमाणपत्र बनवाना अब आसान होगा. सरकार द्वारा जन्म व मृत्यु निबंधन को अनिवार्य बना दिया गया है. लेकिन, अनाथ व भटके हुए बच्चाों के जन्मस्थान और जन्मतिथि को लेकर अक्सर मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. इसे दूर करने के लिए बिहार जन्म-मृत्यु निबंधन नियमावली में प्रावधान किया गया है कि बच्चाे को ग्रहण करनेवाली एजेंसी को वह जिस स्थान व समय पर मिलेगा, वही जन्मस्थान और जन्म का समय होगा. जिले के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी या लाइसेंसधारी फिजिशियन द्वारा जन्म प्रमाणपत्र दिया जायेगा.

साथ ही मजिस्ट्रेट द्वारा दत्तक आदेश के माध्यम से इस तिथि को जन्म सूचना फॉर्म पर दर्ज कराया जायेगा. बिहार दत्तक ग्रहण संसाधन अभिकरण (सारा) गाइड लाइन के तहत बच्चाों को पहचान देने के उद्देश्य से इसे अनिवार्य बनाया गया है. एजेंसी की पहल पर जिला सांख्यिकी निदेशालय की ओर से बच्चाों का जन्म प्रमाणपत्र निर्गत किया जाता है. इसके बाद जब नि:संतान दंपति द्वारा जब बच्चाे को गोद लेने के लिए आवेदन फार्म में बच्चाे से संबंधित जानकारी दर्ज की जायेगी, तो उसी जन्म प्रमाण के तहत उपरोक्त जानकारी दर्ज की जायेगी.

इस प्रक्रिया के तहत बच्चों का प्रमाणपत्र दिया जा रहा है. यह काम एजेंसी द्वारा कराया जा रहा है. एक से डेढ़ सप्ताह के अंदर बच्चों का जन्म प्रमाणपत्र निर्गत कराया जा रहा है. इसके जरिये अनाथ बच्चों की जानकारी भी सरकार के पास उपलब्ध हो जा रही है.

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