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तीन दिनों में इओयू के पास आये 2400 फोन, 8500 रुपये को तीन साल में सवा लाख करने का लालच

पटना: साढ़े आठ हजार रुपये सिर्फ दो या तीन साल में बन जायेंगे सवा लाख. कहलगांव के रहनेवाले वरुण कुमार (पिता-बिंदेश्वरी यादव) को ‘रीगल ग्रुप ऑफ कंपनी’ नामक एक नॉन बैंकिंग कंपनी (जिसकी कहलगांव में कई शाखाएं थीं) ने लोक लुभावन योजना बतायी. झांसे में फंस कर वरुण ने पैसा जमा किया और कंपनी महज […]

पटना: साढ़े आठ हजार रुपये सिर्फ दो या तीन साल में बन जायेंगे सवा लाख. कहलगांव के रहनेवाले वरुण कुमार (पिता-बिंदेश्वरी यादव) को ‘रीगल ग्रुप ऑफ कंपनी’ नामक एक नॉन बैंकिंग कंपनी (जिसकी कहलगांव में कई शाखाएं थीं) ने लोक लुभावन योजना बतायी.

झांसे में फंस कर वरुण ने पैसा जमा किया और कंपनी महज आठ महीने बाद ही रुपये लेकर फरार हो गयी. कंपनी की तमाम शाखाओं में अचानक ताले लटक गये. वरुण ने यह शिकायत आर्थिक अपराध इकाई (इओयू ) की हेल्पलाइन में पैसा निकलवाने का रास्ता जानने की उम्मीद से की. इओयू ने सुझाव दिया कि पहले संबंधित थाने में एफआइआर करें. डीएम कार्यालय में इसकी शिकायत भी कर सकते हैं. इओयू के पास बुधवार और गुरुवार को भी फर्जी एनबीसी के खिलाफ करीब 1500 फोन आये. इस तरह तीन दिनों में 2400 फोन आ चुके हैं. इओयू ऐसे मामलों की जानकारी एकत्र कर इनकी गहन छानबीन कर रही है.

‘प्रभात खबर’ की पहल पर शुरू हुए इओयू की हेल्पलाइन पर पैसा लेकर भागनेवाली एनबीसी के बारे में शिकायत करनेवालों का तांता लगा हुआ है. प्रत्येक मिनट फोन की घंटी बज रही है. राज्य भर से अब तक सबसे ज्यादा शिकायतें रोज वैली, कलकत्ता बेयर, प्रयाग, विश्वामित्र एनबीसी के बारे में आ रही हैं.

इन बातों का रखें ख्याल

– एनबीसी या चिट फंड कंपनियों की सत्यता की जांच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया या सेबी (सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) से अवश्य कर लें

– सेबी के हेल्पलाइन नंबर पर फोन करके संबंधित एनबीसी या चिट फंड कंपनी के बारे में पता कर सकते कि यह फर्जी है या नहीं.

– इस नंबर पर वर्तमान में चल रही किसी भी एनबीसी के बारे में जानकारी मिल सकती है

– ‘सामूहिक निवेश स्कीम’ चलाने वाली एनबीसी को सेबी से रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होता है

– ऐसा नहीं करने वाली कंपनी फर्जी या अवैध मानी जायेगी

– जिलों में काम करनेवाली एनबीसी को संबंधित डीएम कार्यालय को भी इसकी जानकारी देनी होती है

– ऐसे में फर्जी कंपनी के बारे में संबंधित डीएम कार्यालय में भी पता किया जा सकता है

– मामला दर्ज कराने के लिए संबंधित थाने में एफआइआर के अलावा डीएम को भी लिखित शिकायत कर सकते हैं

– सभी जिलों में ऐसी वित्तीय अनियमितता के मामले सुनने के लिए एक एडीएम को प्रतिनियुक्त किया गया है

– डीएम अपने स्तर से जिले में चलने वाली एनबीसी की जांच करवा सकते हैं

– फर्जी पाये जाने पर इनके खिलाफ उचित कार्रवाई भी कर सकते हैं

प्रभात खबर में खबर छपने के बाद शिकायतें दर्ज कराने का सिलसिला जारी

सेबी और आरबीआइ से एनबीसी की सत्यता की प्राप्त कर सकते हैं जानकारी

सेबी का हेल्पलाइन नंबर- 18002667575/1800227575 पर कर सकते हैं फोन

जिला स्तर में डीएम कार्यालय में भी जाकर ले सकते हैं एनबीसी की जानकारी

सभी एनबीसी या चिट फंड को डीएम के पास रजिस्ट्रेशन कराना होता है अनिवार्य

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