पटना. राज्य में 34540 शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीइओ) और जिला शिक्षा अधीक्षक (डीएसइ) पर अवमाननावाद का मुकदमा चलेगा.
सोमवार को पटना हाइकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान न्यायाधीश जेएन सिंह और आरके मिश्र के खंडपीठ ने निर्देश दिया. सभी डीइओ पर आरोप है कि उन्होंने 3540 शिक्षकों की नियुक्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना की है.
शिक्षक नियुक्ति से वंचित आवेदकों ने याचिका दायर कर हाइकोर्ट से हस्तक्षेप की गुहार लगायी. याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि आवेदकों को बिना मान्यताप्राप्त संस्थान से बीएड की डिग्री हासिल करने के नाम पर नियुक्ति से वंचित कर दिया गया, जबकि जिस समय आवेदकों ने बीएड की डिग्री हासिल की थी, उस समय संबंधित संस्थानों को मान्यताप्राप्त था. वकील के मुताबिक बाद के दिनों में मान्यता समाप्त हो जाने का खामियाजा पूर्ववर्ती छात्रों को भुगतना पड़ रहा है.
शिक्षा विभाग ने इस नाम पर कई आवेदकों के आवेदन रद्द कर दिये. यहां तक कि कुछ मामलों में नियुक्त किये गये कई आवेदकों को कुछ दिनों तक काम करने के बाद नौकरी से हटा दिया. याचिकाकर्ता के वकील का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा था कि बीएड की डिग्री में यदि कुछ गड़बड़ी भी पायी जाती है, तो तत्काल हटाया नहीं जायेगा. इस पर हाइकोर्ट ने गंभीर रुख अपनाते हुए सरकार से दो सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है. साथ ही सभी डीइओ और डीएसइ को यह बताने को कहा कि क्यों नहीं उनके खिलाफ अवमानना का मुकदमा शुरू किया जाये. इसके साथ ही कोर्ट ने अवमाननावाद की प्रक्रिया शुरू करने का भी निर्देश दिया.