पटना: अनाथ व बेसहारा बच्चों की देखभाल के लिए राज्य सरकार सजग है. इसके लिए राज्य दत्तक ग्रहण संस्थान खोले जा रहे हैं. ‘सारा’ दत्तक ग्रहण संस्थान के जरिये नि:संतान दंपती इन बच्चों को गोद ले सकेंगे.
कानूनी प्रक्रिया के बाद बच्चों को उन्हें सौंपा जायेगा. उक्त जानकारी समाज कल्याण निदेशालय के निदेशक इमामुद्दीन अहमद ने दी. वह सोमवार को हेम प्लाजा (फ्रेजर रोड)स्थित प्रयास भारती संस्थान में विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे.
पांच जगहों पर किया गया है शुरू : पटना,सहरसा,दरभंगा,सारण व मुजफ्फरपुर में एनजीओ की मदद से संस्थान खोले गये हैं. अन्य तीन जिलों गया,पूर्णिया व मुंगेर में भी संस्थान खोले जाने हैं. इन संस्थानों में छह साल तक के बच्चे रखे जायंेगे, जहां इनकी देखभाल होगी. इसके लिए राज्य सरकार हर बच्चे को खाने-पीने के लिए दो हजार रुपये देगी. साथ ही स्पेशल नीड के बच्चों को अन्य सुविधाओं के लिए भी राशि देगी. पूर्व में पटना,नालंदा व भागलपुर में दत्तक ग्रहण संस्थान थे.
समाज में नैतिक गिरावट : पटना प्रमंडल की आयुक्त डॉ एन विजया लक्ष्मी ने बताया कि सरकार की ओर से ‘सारा’ नामक गोद लेने वाली एजेंसी खोली जा रही है. यहां समाज की अनाथ बच्चियां रखी जायेंगी. समाज में नैतिक गिरावट पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि इसके प्रति लोगों को संवेदनशील होना पड़ेगा. माता-पिता बच्चियों को बोझ समझ उन्हें दर-दर भटकने के लिए छोड़ रहे हैं. इसे रोकने के लिए समाज को जागरूक करें. प्रयास भारती की अध्यक्ष सुमन लाल ने बताया कि संस्था में 97 बच्चे हैं.
बाल कल्याण समिति को दें सूचना : बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष दीपक कुमार ने बताया कि यदि कोई बच्चा मिले, तो इसकी सूचना बाल कल्याण समिति के मोबाइल नंबर 9122388769 व 9234449622 पर दें. इन बच्चों को संबंधित स्थानों में भेजा जायेगा. छह साल तक के बच्चों को दत्तक ग्रहण संस्थान व 18 वर्ष तक के लड़के व लड़कियों को निशांत गृह में रखा जाता है. मौके पर डॉ अजय व व्यवसायी गणोश खेमका समेत अन्य उपस्थित थे. दत्तक ग्रहण एजेंसी नालंदा मदर टेरेसा अनाथ सेवा आश्रम में 26 बच्चे हैं. इनमें 20 लड़कियां और मात्र छह लड़के हैं. बबीता कहती हैं कि बेटियों को लोग गोद लेना नहीं पसंद करते हैं. अभिभावकों के इंतजार में वे बड़ी हो जाती हैं. रामानंदी देवी हिंदू अनाथालय, नाथनगर के दिवाकर चौधरी ने बताया कि वर्तमान में 18 बच्चे हैं. इनमें 14 लड़कियां व 4 लड़के हैं.