-प्रभात खबर संवाददाता-
पटना : राज्यसभा उप चुनाव संपन्न होने के बाद भारतीय जनता पार्टी विधान सभा उप चुनाव की तैयारियों में जुट गयी है. भाजपा कोटे की सात विधान सभा सीटें खाली हुई हैं, पार्टी सातों सीटें पुन: हासिल करने के लिए अपने कार्यकर्ताओं की ताकत तो उप चुनाव में झोंकेगी ही, शेष सीटों पर भी जीत की रणनीति बनायेगी. भाजपा ने उप चुनाव को ले कर 11 जिलों के पार्टी जिलाध्यक्षों की 26 जून को बैठक बुलायी है. बैठक में जिला अध्यक्षों से प्रत्याशियों के नाम भी मांगे जायेंगे.
भाजपा कोटे के पांच विधायकों के सांसद बनने और दो के दल-बदल करने के कारण सात विधान सभा सीटें खाली हुई हैं. भागलपुर, नरकटियागंज, छपरा, हाजीपुर और मोहनिया सीटें वहां के विधायकों क्रमश: अश्विनी चौबे, सतीश चंद्र दूबे, जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, नित्यांद रॉय और छेदी पासवान के सांसद बनने के कारण रिक्त हुई हैं.
इसके अलावा विजय मिश्रा और राणा गंगेश्वर के इस्तीफा दे कर जदयू में शामिल होने के कारण जाले और मोहद्दी नगर सीट खाली हुई हैं. इसके अलावा तीन और विधान सभा सीटों पर चुनाव होना है. बांका सीट पर भी चुनाव होना है, जो लंबे समय से भाजपा के कब्जे में रही है. वहां से पूर्व मंत्री राम नारायण मंडल का भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है.
भले ही नरेंद्र मोदी ने नाते-रिश्तेदारों को तवज्जो न देने का निर्देश दिया हो, किंतु विधान सभा उप चुनाव में कई सीटों से पूर्व विधायक अपनी संतान, पत्नी और भाई को चुनाव मैदान में उतारना चाह रहे हैं. हाजीपुर, छपरा और भागलपुर सीट पर विधायक-सांसदों के भाई, पत्नी और पुत्रों के चुनाव लड़ने की चर्चा का बाजार पार्टी में अभी से ही गरम है. भाजपा चुनाव प्रबंधन से जुड़े पार्टी पदाधिकारियों का तर्क है कि कौन चुनाव लड़ेगा और कौन नहीं, यह फैसला तो पार्टी की कोर कमेटी और चुनाव समिति की बैठक में फाइनल होगा. पार्टी फिलहाल तो विधान सभा उप चुनाव की तैयारियों में लगी है.