पटना: कटिहार के मेरिन इंजीनियर कुमार सौरभ हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. घटना को अंजाम देने में मुख्य भूमिका निभानेवाले सौरभ की प्रेमिका सुंदरी कुमारी के पिता महेंद्र प्रसाद (सोहन बिगहा,धनरूआ) को भी गिरफ्तार कर लिया है.
महेंद्र प्रसाद ने ही कुमार सौरभ की गला दबा कर हत्या कर दी थी और शव को काट जला दिया, फिर उसे सोनमई गांव के चंवर स्थित कुएं में फेंक दिया था. महेंद्र ने इस घटना को अंजाम देने में बिंदु कुमार (पचपन पर, मसौढ़ी) सहित तीन लोगों ने सहयोग दिया था. हालांकि अभी तीनों फरार हैं. पिता ने 14 अप्रैल को कुमार सौरभ की हत्या करने के छह दिनों के बाद 20 अप्रैल को अपनी बेटी सुंदरी की भी हत्या कर दी तथा शव को पुनपुन नदी में फेंक दिया. यही नहीं, महेंद्र प्रसाद ने मेरिन इंजीनियर की हत्या अपनी बेटी के सामने ही की थी. इज्जत जाने के भय से अंत में उसे भी मार डाला. सुंदरी सदमे में थी तथा कई बार पुलिस को बताने की धमकी दे चुकी थी.
कोचिंग संचालक ने करायी थी दोस्ती
बिंदु कुमार कोचिंग संचालक है और वह खुद भी प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करता था. इस संदर्भ में वह पिछले साल कोलकाता परीक्षा देने के लिए गया था, जहां उसकी मुलाकात कुमार सौरभ से हुई थी. उसी ने सुंदरी से सौरभ की बातचीत फोन पर करा दी थी. मार्च में सुंदरी को लेकर सौरभ लुधियाना व पटियाला भी घूमने गया था. ये लोग करीब 20 दिनों बाद घर लौटे थे. इस दौरान उनके बीच शारीरिक संबंध भी बना था. लौटने के बाद सुंदरी के परिजनों ने जब उससे पूछताछ की तो उनके रिश्ते का पता चला. सुंदरी के पिता ने कुमार सौरभ को बुलाने के लिए कहा. लड़की के बुलाने पर वह सीधे धनरूआ चला आया. जहां उसके पिता ने उससे अपनी बेटी से शादी करने को कहा. लेकिन, सौरभ ने जब इनकार कर दिया तो महेंद्र प्रसाद ने उसकी हत्या कर दी. बाद में बेटी को भी मार डाला.
पटना की एक लड़की पर भी था शक
सौरभ के माता-पिता ने इस मामले में उत्तरी पटेल नगर में रहनेवाली एक लड़की पर हत्या में शामिल होने का संदेह जाहिर किया था. उनका कहना था कि उस लड़की से पिछले साल दिसंबर माह में फेसबुक के माध्यम से दोस्ती हुई थी और हमेशा फोन पर बातचीत होती थी. 14 अप्रैल को जब उनके बेटे का मोबाइल फोन ऑफ मिला, उस समय भी लड़की कई बार बेटे से बात हुई है. यह मोबाइल के सीडीआर निकालने से जानकारी मिली है. सीडीआर निकालने के बाद ही उन्हें इस बात की जानकारी मिली थी कि अंतिम बार उनके बेटे का लोकेशन धनरूआ में मिला था. इस मामले में उस लड़की की संलिप्तता सामने नहीं आयी है.
दो भाइयों में था सबसे बड़ा
कटिहार के बनिया टोला निवासी शंभूनाथ प्रसाद के दो बेटों में सौरभ बड़ा था, जबकि छोटे भाई का नाम प्रखर है. सौरभ पढ़ाई में काफी तेज था और उसने मैट्रिक की परीक्षा कटिहार के रामकृष्ण मिशन स्कूल, इंटर डीपीएस रांची से किया था. मेरिन में बीटेक की पढ़ाई सौरभ ने ओडिशा के भुवनेश्वर के सीबी रमन कॉलेज से की थी. बीटेक के बाद सौरभ ने इलाहाबाद बैंक के पीओ की परीक्षा, रेलवे में कमर्शियल अप्रेंटिस की परीक्षा, पीएनबी में क्लर्क की लिखित परीक्षा भी पास कर ली थी और दिसंबर माह में ही वह पटना में दस दिनों के लिए आ कर रहा. इस दौरान उसने बोरिंग रोड स्थित एक कोचिंग संस्थान में साक्षात्कार की तैयारी की थी. इसके बाद वह वापस कटिहार लौट गया था.
कड़ी-से-कड़ी हो सजा
सौरभ के पिता पिता शंभूनाथ प्रसाद ने कहा कि इस घटना में शामिल सभी लोगों को कड़ी-कड़ी से सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि वह किसी लड़की से प्रेम करता था. अगर शादी की बात ही थी, तो उसके पिता को कम-से-कम उन लोगों को जानकारी देनी चाहिए थी.
24 अप्रैल को हुआ था शव बरामद
सौरभ का शव 24 अप्रैल को सोनमई गांव के कुएं से बरामद किया गया था. इसके बाद कुमार सौरभ के रिटायर्ड शिक्षक पिता शंभूनाथ प्रसाद और उसकी मां पुतुल देवी ने 25 अप्रैल को पीएमसीएच के पोस्टमार्टम रूम में आकर शव की पहचान की थी. 26 अप्रैल को धनरूआ थाने में प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया गया था. मालूम हो कि सौरभ 11 अप्रैल को कटिहार स्थित अपने आवास से आइबी की परीक्षा देने के लिए सियालदह के लिए निकला था. 14 अप्रैल को उसके मोबाइल का स्विच ऑफ था. शंभूनाथ ने 16 अप्रैल को कटिहार टाउन थाने में गुमशुदगी का सनहा दर्ज कराया, वहीं 17 अप्रैल को सियालदह में गुमशुदगी का मामला दर्ज हुआ. सौरभ के मोबाइल का सीडीआर निकाला, तो उसका अंतिम लोकेशन धनरूआ का मिला. फिर पिता ने धनरूआ थाने से संपर्क किया था.
फेसबुक गर्ल फ्रेंड के कारण किया था शादी से इनकार
सुंदरी से दोस्ती होने के बाद सौरभ की दोस्ती पिछले साल दिसंबर माह में पटना की एक लड़की से फेसबुक के माध्यम से हुई थी. इसके बाद वह उस लड़की से ही लगातार बात करने लगा था और उससे प्यार कर रहा था. इसके कारण उसने सुंदरी से शादी से इनकार कर दिया. बताया जाता है कि इस घटना की तह तक पहुंचने में कॉल डिटेल की महत्वपूर्ण भूमिका रही. शव मिलने के बाद एसएसपी मनु महाराज के निर्देश पर मसौढ़ी एएसपी राशिद जमां के नेतृत्व में टीम ने अनुसंधान शुरू किया और सौरभ के तमाम कॉल डिटेल को निकाल कर जांच शुरू कर दी. इसी के सहारे पुलिस हत्यारे पिता तक पहुंच गयी और उसे गिरफ्तार कर लिया.