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हथियार के बल पर पुलिसकर्मियों को अपराधियों ने लूटा

गया : गया-पटना मार्ग पर धनरूआ थाने के निकट पुलिसकर्मियों से अपराधियों ने लूटपाट की. पुलिसकर्मी मेडिकल थाना क्षेत्र से लापता हुई युवती के भाई के साथ गया लौट रहे थे. उनके साथ युवती का ब्वाय फ्रेंड भी था. अपराधियों ने पुलिसकर्मियों व युवती के भाई से हथियार के बल पर करीब दस हजार रुपये […]

गया : गया-पटना मार्ग पर धनरूआ थाने के निकट पुलिसकर्मियों से अपराधियों ने लूटपाट की. पुलिसकर्मी मेडिकल थाना क्षेत्र से लापता हुई युवती के भाई के साथ गया लौट रहे थे. उनके साथ युवती का ब्वाय फ्रेंड भी था.
अपराधियों ने पुलिसकर्मियों व युवती के भाई से हथियार के बल पर करीब दस हजार रुपये और तीन मोबाइल और सोने की चेन लूट ली. पुलिसकर्मियों का कहना है कि अपराधियों ने उनकी धुनाई भी की. घटना शनिवार की रात की है. गौरतलब है कि शनिवार को मेडिकल थाना क्षेत्र से एक युवती अपने दोस्त से मिलने पटना चली गयी थी.
फुलवारीशरीफ की पुलिस ने सूचना के आधार पर युवती के दोस्त ऋषभ को गिरफ्तार कर लिया था. मेडिकल थाने की पुलिस उस आरोपित युवक को पटना से लाने के लिए कार से गयी थी. कार में मेडिकल थाने के जमादार प्रदीप चौधरी व होमगार्ड के अलावा युवती का भाई व युवती का ब्वॉय फ्रेंड भी सवार था. युवती का भाई भी पुलिस कर्मी है. उसकी तैनाती झारखंड में है. पटना से लौटने के दौरान करीब दस बजे धनरूआ थाना क्षेत्र के निकट ही उनकी कार पंक्चर हो गयी.
बताया गया है कि सड़क के ऊपर अपराधियों ने कीलें बिछा रखी थी जिसकी वजह से उनकी कार पंक्चर हो गयी. इस पर कार का ड्राइवर, जमादार प्रदीप व लापता चल रही युवती के भाई कार से बाहर निकले और टायर की जांच पड़ताल व उसे बदलने में जुट गये. इस बीच हथियारबंद अपराधियों ने कार को चारों ओर से घेर लिया और प्रदीप व युवती के भाई को कब्जे में लेकर उनसे रुपये पैसे लूट लिये.
जमादार प्रदीप से अपराधियों ने करीब पांच हजार व युवती के भाई से चार हजार रुपये व सोने का चेन लूट लिये. यही नहीं ड्राइवर से भी रुपये लूट लिये. साथ ही उनकी धुनाई कर फरार हो गये. अपराधियों के हाथों लुटे-पिटे पुलिस कर्मियों ने मेडिकल थाना इंस्पेक्टर को घटना को सूचना दी. पुलिस इंस्पेक्टर लाल बिहारी पासवान ने धनरूआ थाना प्रभारी को फोन किया. धनरूआ थाना प्रभारी ने अपने मातहत को मौका-ए-वारदात पर भेजा. वहां पहुंच कर धनरूआ थाने के दारोगा ने थाने में सभी पीड़ित को चलने की बात कही पर यह राजी नहीं हुए और सीधा मगध मेडिकल थाने पहुंच गये.
आखिर पीड़ित पुलिस कर्मी क्यों नहीं करा रहे मुकदमा
सवाल उठता है कि किसी भी आपराधिक घटना के बाद लोग पुलिस के पास जाते हैं. धनरूआ में इनके साथ हुई लूट की घटना के बाद भी पीड़ित पुलिसकर्मियों ने संबंधित थाना क्षेत्र से संपर्क तो किया, लेकिन एफआइआर नहीं करायी. इसके पीछे दो वजहें हो सकती हैं. पहला तो यह कि लूट, डकैती व चोरी की घटना के बाद पुलिस के रवैये से पीड़ित पुलिसकर्मी वाकिफ हैं.
क्योंकि वह रोज इस तरह की घटनाओं को हैंडिल करते हैं और इसका परिणाम कया होता है यह भी अच्छी तरह जानते हैं. आमलोगों की तरह उन्हें भी मालूम है कि मुकदमा दर्ज कराने के बाद भी अपराधियों को पुलिस नहीं पकड़ पायेगी. या फिर वह मुकदमा और कोर्ट के चक्कर से बचना चाहते हैं.

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