पटना: मुजफ्फरपुर के चर्चित नवरुणा अपहरण कांड से कुछ दिनों में परदा हट सकता है. 12 वर्षीया लड़की के अपहरण कांड की जांच कर रही सीबीआइ टीम को अब उसके माता-पिता की डीएनए रिपोर्ट का इंतजार है. यह रिपोर्ट इस महीने के अंत तक सीबीआइ को मिल जायेगी. रिपोर्ट मिलते ही नवरुणा के घर के पास मिले शव का रहस्य भी सुलझ जायेगा. दरअसल, सीबीआइ ने उस शव के रहस्य को सुलझाने के लिए ही नवरुणा के माता-पिता की डीएनए जांच कराने के लिए 25 मार्च को उनके रक्त का नमूना लिया था. बरामद शव के नरकंकाल से इसका मिलान कराया जा रहा है. अगर मिलान से यह स्पष्ट होता है कि वह शव नवरुणा की नहीं था, तब सीबीआइ अपने जांच की दिशा बदल देगा.
सीबीआइ के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नवरुणा के माता-पिता के खून के नमूने का मिलान बरामद शव के डीएनए से कराया जा रहा है. इसके लिए सीबीआइ ने नवरुणा के माता-पिता के खून के नमूने को दिल्ली स्थित अपने सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी के अलावा हैदराबाद व कोलकाता की फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी में भेजा है, ताकि जांच रिपोर्ट की प्रामाणिकता पर कोर्ट में सवाल नहीं उठाये जा सकें. सीबीआइ सूत्रों ने कहा कि इस महीने के अंत तक तीनों लेबोरेटरी से डीएनए जांच की रिपोर्ट मिल जायेगी. तब यह खुलासा हो जायेगा कि नवरुणा अभी जीवित है या नहीं. अगर उस शव से नवरुणा के माता-पिता का डीएनए मिल जाता है, तो यह तय हो जायेगा कि वह शव नवरुणा का ही था. बता दें कि मुजफ्फरपुर के जवाहरलाल रोड की रहनेवाली 12 वर्षीया नवरुणा 18 सितंबर, 2012 की रात से अचानक अपने कमरे से गायब है. उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट स्थानीय थाने में दर्ज करायी गयी थी.
नवरुणा के लापता होने के बाद 26 नवंबर, 2012 को उसके घर के पास की एक गली के नाले से एक लड़की का नरकंकाल बरामद किया गया. लेकिन, नवरुणा के पिता अतुल्य चक्रवर्ती और मां मैत्री चक्रवर्ती ने उसे नवरुणा का शव मानने से इनकार किया था. उन्होंने डीएनए टेस्ट कराने के लिए खून का नमूना देने तक से इनकार कर दिया था. अब सीबीआइ ने कोर्ट के हस्तक्षेप से दोनों के खून के नमूने लिये हैं.