पटना: भाजपा से टिकट नहीं मिलने से नाराज चल रहे पूर्व सांसद लालमुनी चौबे के पार्टी छोड बक्सर लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लडने की संभावना जतायी जा रही है.
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी और भाजपा के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह के करीबी रहे चौबे ने आज कहा कि पार्टी के भीतर वरिष्ठ नेताओं को नजर अंदाज किए जाने तथा लोकसभा का टिकट बांटने में मापदंड के अभाव ने उन्हें ठेस पहुंचाया है.उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और जसवंत सिंह को नजर अंदाज किया जा रहा है. चौबे ने भाजपा पर बडों के सम्मान की परंपरा को भूल जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी के इन वरिष्ठ नेताओं का देश में आयोजित चुनावी रैलियों के दौरान नहीं लिया गया.
चार बार लोकसभा सदस्य रहे चौबे ने कहा कि वे अपनी आगे की रणनीति के बारे में घोषणा कल करेंगे. चौबे बक्सर लोकसभा सीट से पहली बार 1996 में सांसद चुने गए थे और वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में राजद उम्मीदवार जगदानंद सिंह के हाथों दो हजार मतों से पराजित हो गए थे. भाजपा ने इस बार उन्हें बक्सर से उम्मीदवार नहीं बनाकर उनकी जगह बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे को उम्मीदवार बनाया है.