देवघर: झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम को कल शाम ईडी ने गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद आज उनकी पीएमएल कोर्ट में पेशी है. जहां प्रर्वतन निदेशालय आदालत से रिमांड की मांग करेगा. बता दें कि आलमगीर आलम का जन्म बरहरवा प्रखंड के इस्लामपुर गांव के जमींदार परिवार में सनाउल्लाह आलम उर्फ सानू बाबू के घर में हुआ था. वह पांच भाइयों में से दूसरे नंबर पर हैं. आलमगीर को उनके पिता से 55 बीघा जमीन हिस्से के रूप में मिली थी. लगभग पांच बीघा जमीन बेच कर बरहरवा पहाड़ी बाबा चौक मस्जिद के समीप एक घर में एलाइड ट्रेडर्स नाम की दुकान खोली. उक्त दुकान में पंपिंग सेट मशीन, जेनरेटर के अलावा स्पेयर्स पार्ट्स का व्यवसाय शुरू किया. वर्षों दुकान चलाने के बाद लगभग 1978 में सरपंच का चुनाव लड़ा और जीत गये. कई वर्ष सरपंच रहने के बाद 1995 में कांग्रेस में आये. कांग्रेस ने इनको टिकट भी दिया, लेकिन पहला चुनाव हार गये. इसके बाद 2000 में चुनाव जीते और राजनीति में सफर आगे बढ़ा. मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष जैसे पद तक पहुंचे.
समधी सांसद हैं :
आलमगीर आलम की एक बेटी की शादी 2014 में पश्चिम बंगाल के धुलियान में हुई है. उनके समधि खलीलुर्रहमान जंगीपुर क्षेत्र से सांसद हैं. खलीलुर्रहमान का धुलियान में एक नर्सिंग होम भी है. इसका नाम डीडीएच है. चर्चा इस बात की भी है कि आलमगीर आलम ने कुछ पैसे इस नर्सिंग होम में लगाये हैं. आलमगीर के बेटे तनवीर आलम की शादी पश्चिम बंगाल के बहरामपुर स्थित भावता गांव में हुई है. तनवीर की ससुराल के लोग हार्डवेयर के धंधे से जुड़े हैं.
पेट्रोल पंप में भी लगा है आलमगीर के पैसे
बताया जाता है कि बरहरवा के मुगल पाड़ा के समीप स्थित एक पेट्रोल पंप में भी आलमगीर के पैसे लगे हैं. पश्चिम बंगाल के वर्दमान में राइस मिल भी है. इनकी पूंजी पत्थर कारोबार में भी लगी हुई है. पत्थर व्यापारी आलम ब्रदर्स के महताब आलम के साथ भी इनका कारोबार संयुक्त रूप से चलता है. बताया जाता है कि पाकुड़ जिले के अमड़ापाड़ा स्थित कोल माइंस से भी रोजाना 10 से 15 ट्रक कोयले की सप्लाई भी उनके बेटे तनवीर आलम की देख-रेख में होती है.
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