नयी दिल्ली: सचिन तेंदुलकर का आभामंडल सिर्फ क्रिकेट जगत तक ही सीमित नहीं है और इंग्लैंड के पूर्व फुटबालर माइकल ओवेन ने उन्हें ‘शानदार कैरियर’ के लिये बधाई दी है.
भारत के उदीयमान बल्लेबाज अजिंक्य रहाणेने कहा कि सचिन का जज्बाती भाषण अभी भी उनके जेहन में घूम रहा है. उन्होंने कहा ,‘‘ अभी भी मेरे कान में सचिन सचिन गूंज रहा है. आपको देखकर क्रिकेट खेलना शुरु किया था पाजी. आपको आने वाले जीवन के लिये शुभकामना.’’
वानखेड़े स्टेडियम में खेले गये इस मैच में मुंबई ने गुजरात को सात विकेट से हराया था. यदि टी20 मैच की बात करें तो उन्होंने इस सबसे छोटे प्रारुप में मुंबई के लिये आखिरी मैच 19 अप्रैल 2007 को मोटेरा, अहमदाबाद में खेला. इस मैच में उनकी टीम ने बंगाल को 31 रन से हराया था.
तेंदुलकर 38 रन बनाकर रिटायर्ड हर्ट हो गये थे और टूर्नामेंट में आगे नहीं खेल पाये थे. मास्टर ब्लास्टर ने हालांकि इस साल चैंपियन्स लीग टी20 टूर्नामेंट में भाग लिया था जिसमें वह फाइनल तक खेले थे. मुंबई इंडियन्स ने दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में छह अक्तूबर 2013 को खेले गये इस मैच में राजस्थान रायल्स को 33 रन से हराकर खिताब जीता था.
यदि विश्व कप की बात करें तो तेंदुलकर के नाम पर इस टूर्नामेंट में सर्वाधिक 2278 रन दर्ज हैं. उन्होंने विश्व कप में अपना आखिरी मैच दो अप्रैल 2011 को श्रीलंका के खिलाफ वानखेड़े स्टेडियम में खेला था. भारत ने फाइनल में तब छह विकेट से जीत दर्ज करके खिताब जीता था.
ईरानी कप में उन्होंने अपना अंतिम मैच छह से दस फरवरी 2013 के बीच मुंबई की तरफ से शेष भारत के खिलाफ वानखेड़े में खेला था. उन्होंने इस मैच में नाबाद 140 रन की दिलकश पारी खेली. यह मैच हालांकि ड्रा रहा था. एनकेपी साल्वे चैलेंजर ट्राफी में भी तेंदुलकर ने अपना जो आखिरी मैच खेला था उसमें बारिश के कारण परिणाम नहीं निकल पाया था. घरेलू टूर्नामेंटों में केवल देवधर ट्राफी ऐसा टूर्नामेंट है जिसमें तेंदुलकर की टीम को उस मैच में हार ङोलनी पड़ी थी जो इस दिग्गज का टूर्नामेंट में आखिरी मैच साबित हुआ था.
यह मैच हालांकि 20 साल पहले 16 अक्तूबर 1993 को राजकोट में खेला गया था जिसमें दक्षिण क्षेत्र ने पश्चिम क्षेत्र को हराया था. तेंदुलकर ने इससे पहले काउंटी चैंपियनशिप में भी भाग लिया था. वह 1992 में यार्कशर की तरफ से काउंटी क्रिकेट में खेले थे और वहां भी उनकी विदाई अच्छी रही थी. उन्होंने काउंटी चैंपियनशिप में अपना आखिरी मैच 18 से 20 अगस्त 1992 को यार्कशर की तरफ से नाटिंघमशर के खिलाफ खेला था. यह मैच ड्रा रहा था.