आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग की जांच के लिए तीन सदस्यीय पैनल के गठन का प्रस्ताव
नयी दिल्ली : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से फिर झटका लगा है.कोर्ट ने आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले की जांच के लिए विशेष समिति के गठन के बीसीसीआइ के सुझाव को खारिज कर दिया और पंजाब एवं हरियाणा के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मुकुल मुद्गल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय पैनल के गठन का सुझाव दिया.
न्यायमूर्ति एके पटनायक और जेएस केहार ने सीनियर एडवोकेट और अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल एन नागेश्वर राव और असम क्रिकेट संघ के सदस्य निलय दत्ता को पैनल में शामिल होने की पेशकश की. कोर्ट ने साथ ही बीसीसीआइ और बिहार क्रिकेट संघ के वकीलों को प्रस्तावित पैनल के बारे में निर्देश लेने के लिए कहा.
मामले की सुनवाई मंगलवार को फिर की जायेगी, जब इस संबंध में औपचारिक आदेश दिया जायेगा. न्यायालय ने वरिष्ठ राजनीतिज्ञ अरुण जेटली और निलय दत्ता की सदस्यता वाली विशेष समिति के गठन का बीसीसीआइ का प्रस्ताव खारिज कर दिया.
इसने बीसीसीआइ की उस दलील को भी खारिज कर दिया कि प्रस्तावित पैनल को यह जांच करनी चाहिए कि मुंबई पुलिस द्वारा इस मामले में दायर आरोपपत्र में शामिल किये गए सारे मसलों पर आगे जांच की जरुरत है या नहीं.
पीठ ने कहा कि पैनल मामले में स्वतंत्र जांच करके अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को देगी. कोर्ट ने कहा ,’मुंबई पुलिस अपनी जांच करेगी. पैनल स्वतंत्र जांच करके अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को देगी.’
न्यायालय ने 30 अगस्त को बिहार क्रिकेट संघ के सचिव आदित्य वर्मा की याचिका पर सुनवाई की थी जिन्होंने मामले की जांच के लिए नई समिति के गठन की मांग को खारिज करने के हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी.
श्रीनि की रिपोर्ट में फिक्सिंग का जिक्र नही
नयी दिल्ली : बीसीसीआइ अध्यक्ष एन श्रीनिवासन और पूर्व कोषाध्यक्ष रवि सावंत ने बोर्ड की सालाना रिपोर्ट में कहीं भी आइपीएल-6 के स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण का जिक्र नहीं किया है. सचिव संजय पटेल के दो पेज के नोट में स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी प्रकरण का मामूली–सा उल्लेख किया गया है.
सालाना रिपोर्ट में डोपिंग रोधी तरीकों और उम्र सत्यापन प्रक्रिया पर पेज हैं, लेकिन इसमें भी आइपीएल के पहले भारतीय डोपिंग के दोषी प्रदीप सांगवान के नाम का जिक्र नहीं है. बीसीसीआइ की 128 पेज की सालाना रिपोर्ट में तमिलनाडु के श्रीनिवासन ने साल को ‘यादगार और भारतीय क्रिकेट के लिए घटनापूर्ण’ करार दिया है.
हालांकि रिपोर्ट के तीसरे पेज में अध्यक्ष का नोट है, जिसमें विभिन्न क्रिकेट टीमों सीनियर, ‘ए’ टीम, अंडर-19 और अंडर-23 की उपलब्धियों की काफी तारीफ की गयी है. पटेल ने सचिव की रिपोर्ट (पांचवां और छठा पेज) में कहीं भी ‘स्पॉट फिक्सिंग’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया. इसके बजाय पटेल ने लिखा, ‘बीसीसीआइ ने आइपीएल छह से निकले संकट का कड़ाई से जवाब दिया.
चिंताओं को संबोधित किया गया. रिपोर्ट में केवल पेज 17 में, जिसमें पूरे साल के दौरान कार्यकारी समिति के फैसले मौजूद हैं, मयप्पन के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक जांच पैनल के गठित होने का जिक्र है.