नयी दिल्ली : पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान इयान चैपल ने विश्व कप के बाद बल्ले के आकार को सीमित करने के आईसीसी के प्रस्ताव का आज समर्थन करते हुए कहा कि बल्ले की मोटाई बढने के कारण गेंदबाज और अंपायरों पर चोट लगने का जोखिम रहता है.
चैपल ने इसके साथ ही देर से जागने के लिये आईसीसी की आलोचना भी की. उन्होंने कहा, आखिर में आईसीसी ने फैसला कर लिया है कि बल्ले के साथ दिक्कतें हैं. बल्ले और गेंद के बीच संतुलन कायम करने की कवायद के लिये वे सराहना के पात्र हैं. इसके अलावा आईसीसी ने हाल में माना कि छोटी सीमा रेखाएं भी समस्याएं पैदा कर रही है. ये दोनों खेल से जुडे खास मसले हैं.
उन्होंने ईएसपीएनक्रिकइन्फो में अपने कालम में लिखा, गंभीर चोट की संभावना तथा बल्ले और गेंद के बीच संतुलन बडे मसले हैं. अब गेंद इतनी तेजी से गेंदबाज और अंपायर के पास पहुंचती है कि उनके पास बचने के लिये पर्याप्त समय नहीं होता है. किसी को गंभीर चोट पहुंचे उससे पहले इस मसले से निबटा जाना चाहिए.
चैपल ने लिखा है, बल्ले और गेंद के बीच संतुलन बल्लेबाजों के पक्ष में झुक गया है. केवल गलत शाट ही छक्के के लिये नहीं जा रहे हैं बल्कि बल्ले का किनारा लेकर जाने वाली गेंद नियमित रुप से स्लिप क्षेत्ररक्षक के सिर के उपर से निकल जाती है. उन्होंने कहा कि आईसीसी का सीमा रेखा बढाने का फैसला भी उत्साहजनक है. उन्होंने इसके साथ ही अवैध गेंदबाजी एक्शन के प्रति देर से कदम उठाने के लिये आईसीसी की आलोचना भी की.