केपटाउन : सुरेश रैना के 27 गेंद में 43 रन के बाद अपने गेंदबाजों के उम्दा प्रदर्शन के दम पर भारत ने निर्णायक तीसरे टी-20 क्रिकेट मैच में सात रन से जीत दर्ज करके श्रृंखला 2-1 से अपने नाम कर ली. मैच के हीरो रहे तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार का मानना है कि दक्षिण अफ्रीका के मौजूदा दौरे पर भारतीय टीम का आक्रामक प्रदर्शन इसी साल होने वाले इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया के कड़े दौरों के लिए अच्छा रहेगा.
भारत ने दक्षिण अफ्रीका दौरे की शुरुआत टेस्ट श्रृंखला में 1-2 की हार के साथ की लेकिन इसका अंत शनिवार को तीसरे टी-20 में मेजबान टीम को सात रन से हराकर श्रृंखला 2-1 से जीतकर किया. भारतीय टीम ने इस बीच वनडे श्रृंखला भी 5-1 से जीती. भुवनेश्वर ने कहा, ‘‘हम अधिक लालची नहीं होना चाहते और इन दो ट्राफी के साथ हम खुश हैं. उम्मीद करते हैं कि अगली बार हम सभी तीनों ट्राफी जीत पाएंगे.”
उन्होंने कहा, ‘‘यह दौरा शानदार रहा, विशेषकर टेस्ट श्रृंखला. हां, हमने दो मैच गंवाए लेकिन वे काफी करीबी थे. हम 0-3 से भी हार सकते थे और 2-1 से भी जीत सकते थे. लेकिन हम जिस तरीके से खेले उसने हमें आत्मविश्वास दिया और हम इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया के दौरों पर जाने और वहां बेहतर प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं.”
भुवनेश्वर ने कहा कि टी-20 क्रिकेट में सफलता के लिए विविधता और टाइमिंग महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा, ‘‘टी-20 क्रिकेट विविधता का इस्तेमाल करने से जुड़ा है और आपकी टाइमिंग परफेक्ट होनी चाहिए. मैं जो भी ‘नकल बाल’ डालता हूं, चाहता हूं कि बल्लेबाज उस पर बड़ा शाट खेलने की कोशिश करे. आप इस तरह से विकेट ले सकते हैं और यही मुख्य कारणों में से एक है कि मैं पावर प्ले में सफल रहा.”
विभिन्न प्रारूपों में अंतर बताते हुए भुवनेश्वर ने टी-20 के संदर्भ में कहा, ‘‘टी-20 ऐसा प्रारूप है तो तेजी से खत्म हो जाता है और आपके पास सिर्फ चार ओवर होते हैं. अगर आप ओवर में तीन खराब गेंद फेंकोगे तो इन पर रन बनेंगे और आपका पूरा विश्लेषण बिगड़ जाएगा. इन तीन गेंद के कारण टीम बैकफुट पर आ जाएगी. इसलिए प्रत्येक गेंद महत्वपूर्ण है. इसके कारण गेंदबाज को सोचना पड़ता है. प्रत्येक गेंद सही होनी चाहिए और आपको योजना को सही तरीके से लागू करना चाहिए.”
उन्होंने कहा, ‘‘टेस्ट मैचों में आपको एकदिवसीय अंतराष्ट्रीय या टी-20 क्रिकेट की तुलना में कुछ अलग नहीं करना होता लेकिन यह लाइन और लेंथ का खेल है. वनडे क्रिकेट में आप यार्कर और धीमी गेंद करने की कोशिश करते हैं. प्रारूपों के बीच के सामंजस्य बैठाना कभी आसान नहीं होता लेकिन यह अभ्यास और तैयारी से जुड़ा है. आपको सामंजस्य बैठाने के लिए दो से तीन ओवर की जरूरत होती है लेकिन टी-20 में आपको रणनीति के साथ तैयार रहना होगा क्योंकि आप बल्लेबाज के रन बनाने के बाद प्रतिक्रिया नहीं दे सकते.”