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धवन-पुजारा के शतक से भारत का मजबूत स्कोर

गाले : सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने धुआंधार बल्लेबाजी का नजारा पेश करके अपने करियर का सर्वोच्च स्कोर बनाया और दिन के एक अन्य शतकवीर चेतेश्वर पुजारा के साथ 253 रन की बड़ी साझेदारी की जिससे भारत ने बुधवार को यहां श्रीलंका के खिलाफ पहले टेस्ट क्रिकेट मैच के शुरुआती दिन ही बड़ा स्कोर बनाकर […]

गाले : सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने धुआंधार बल्लेबाजी का नजारा पेश करके अपने करियर का सर्वोच्च स्कोर बनाया और दिन के एक अन्य शतकवीर चेतेश्वर पुजारा के साथ 253 रन की बड़ी साझेदारी की जिससे भारत ने बुधवार को यहां श्रीलंका के खिलाफ पहले टेस्ट क्रिकेट मैच के शुरुआती दिन ही बड़ा स्कोर बनाकर अपनी स्थिति मजबूत कर दी.

धवन ने 31 रन पर मिले जीवनदान का फायदा उठाकर 190 रन बनाये. उन्होंने धुआंधार पारी खेली और 168 गेंदों का सामना करके 31 चौके लगाये, लेकिन दस रन से अपने पहले दोहरे शतक से चूक गये. पुजारा (नाबाद 144) ने अपनी ख्याति के अनुरूप सधी हुई बल्लेबाजी और अपना 12वां टेस्ट शतक पूरा किया. इन दोनों के बीच दूसरे विकेट की बड़ी साझेदारी की मदद से भारत ने पहले दिन का खेल समाप्त होने तक तीन विकेट पर 399 रन बनाये. भारत ने टाॅस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने के बाद प्रत्येक सत्र में एक विकेट गंवाया, लेकिन इस बीच श्रीलंकाई गेंदबाजों को खुद पर हावी नहीं होने दिया.

भारत ने पहले सत्र में एक विकेट खोकर 115 रन बनाये. लंच और चायकाल के बीच अकेले धवन ने 126 रन बनाये जिससे भारत इस सत्र में 167 रन बनाने में सफल रहा और इस बीच उसने एक विकेट गंवाया. तीसरे सत्र में एक विकेट गंवाकर भारत ने 117 रन जोड़े, लेकिन पुजारा ने एक छोर संभाले रखा. उन्होंने अंजिक्य रहाणे (नाबाद 39) के साथ मिलकर पारी को बखूबी आगे बढ़ाया जिससे भारत विदेशी सरजमीं पर पहले दिन सर्वाधिक स्कोर का नया रिकार्ड बनाने में सफल रहा. भारत का इससे पहले विदेशी धरती पर मैच के पहले दिन सर्वाधिक स्कोर नौ विकेट पर 375 रन था, जो उसने 2009 में न्यूजीलैंड के खिलाफ वेलिंगटन में बनाया था. पुजारा और रहाणे के बीच चौथे विकेट के लिए 113 रन की अटूट साझेदारी से भारत इसे पार करने में सफल रहा. पुजारा ने अब तक 247 गेंदें खेलकर 12 चौके लगाये हैं, जबकि रहाणे की 94 गेंद की पारी में एक चौका शामिल है.

श्रीलंका की तरफ से तीनों विकेट नुवान प्रदीप (64 रन देकर तीन) ने लिये हैं. भारत ने सुबह सलामी बल्लेबाज अभिनव मुकुंद (12) का विकेट जल्दी गंवा दिया था जिनके पास खुद को साबित करने का यह सुनहरा मौका था. श्रीलंका शुरुआती सफलता का फायदा नहीं उठा पाया तथा धवन और पुजारा ने मिलकर उसके आक्रमण को पस्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

धवन ने लंच के बाद मनमाफिक रन बटोरे तथा अपने करियर में दूसरी बार लंच और चाय के बीच 100 से अधिक रन बनाये. इससे पहले उन्होंने 2013 में आॅस्ट्रेलिया के खिलाफ मोहाली में अपने पदार्पण टेस्ट में यह कारनामा किया था. धवन लंच और चाय के बीच सर्वाधिक रन बनाने के मामले में विश्व में चौथे और भारतीयों में पहले नंबर पर पहुंच गये. बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने दिलरुवान परेरा पर स्वीप शाट से चौका लगाकर 110 गेंदों पर अपना पांचवां टेस्ट शतक पूरा किया और इसके बाद अधिक तेजी दिखायी. शतक पूरा करने तक उनकी स्ट्राइक दर 91.81 थी, लेकिन उन्होंने आखिर में कुल 113.09 की स्ट्राइक से रन बनाये.

दिल्ली के इस बल्लेबाज ने 147 गेंदों पर अपने 150 रन पूरे किये. उन्होंने श्रीलंका के स्पिनरों के सामने स्वीप शाट खेलने के अपने कौशल का अच्छा नजारा पेश किया. धवन ने जल्द ही अपना पिछला सर्वश्रेष्ठ स्कोर (187, बनाम आॅस्ट्रेलिया, मोहाली, 2013) किया. तब लग रहा था कि वह अपना पहला दोहरा शतक पूरा कर लेंगे. लेकिन, चाय के विश्राम से ठीक पहले उन्होंने नुवान प्रदीप की गेंद पर गलत टाइमिंग से शाट खेलकर मिडआॅफ पर खड़े एंजेलो मैथ्यूज को आसान कैच थमा दिया. भारत ने चाय के बाद कप्तान विराट कोहली (तीन) का भी विकेट गंवा दिया, जिन्होंने प्रदीप के बाउंसर पर विकेटकीपर निरोशन डिकवेला को कैच दिया. अंपायर ब्रूस ओक्सनफोर्ड ने हालांकि अपील ठुकरा दी, लेकिन श्रीलंका ने रेफरल लिया जिसके बाद भारतीय कप्तान को पवेलियन लौटना पड़ा.

पुजारा ने अपना नैसर्गिक खेल दिखाया और सहज होकर बल्लेबाजी की. उन्होंने केवल ढीली गेंदों का इंतजार किया और दूसरे सत्र में अधिकतर समय धवन की पारी का लुत्फ उठाया. वह श्रीलंकाई कप्तान रंगना हेराथ के एक ओवर में दो चौके लगाकर शतक के करीब पहुंचे और इसके अगले ओवर में लाहिरु कुमारा की गेंद को दो रन के लिए भेजकर सैकड़ा पूरा किया. यह श्रीलंका के खिलाफ उनका दूसरा शतक है. सौराष्ट्र के इस बल्लेबाज ने इसके बाद भी किसी तरह की जल्दबाजी नहीं दिखायी और सहज होकर बल्लेबाजी जारी रखी. रहाणे को शुरू में रन बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ा, लेकिन उन्होंने एक छोर संभाले रखकर श्रीलंकाई गेंदबाजों की निराशा को बढ़ाने में अपना भरपूर योगदान दिया. भारत ने इससे पहले अंतिम एकादश में हार्दिक पंड्या को शामिल करके उन्हें पदार्पण का मौका दिया. वह भारत के 289वें टेस्ट खिलाड़ी हैं.

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