बेंगलूर : संभावित प्रतिस्पर्धियों के जुडे सवाल का हंसते हुए जवाब देते हुए जमैका के महान फर्राटा धावक उसेन बोल्ट ने कहा कि उनके रिकार्ड काफी हद तक प्रतिद्वंद्वियों की पहुंच से दूर हैं.पहली बार भारत आए बोल्ट यहां ‘सेवन ए साइड’ प्रदर्शनी क्रिकेट मैच में हिस्सा लेंगे जिसमें उनकी टीम के खिलाफ भारत के कुछ शीर्ष क्रिकेटर उतरेंगे. चार ओवर के इस मैच में बोल्ट की टीम में उनके सबसे अच्छे मित्र न्यूगेंट वाल्कर जूनियर और भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह शामिल हैं.
विरोधी टीम की अगुआई युवराज सिंह करेंगे और उनकी टीम में भारतीय तेज गेंदबाज जहीर खान को भी जगह मिली है. इन दो दिग्गज खिलाडियों के बीच के इस मैच को ‘बोल्ट और युवी: दो दिग्गजों की जंग’ नाम दिया गया है. सौ मीटर और 200 मीटर में एक साथ विश्व रिकार्ड अपने नाम करने वाले पहले फर्राटा धावक ने यहां प्रचार कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए अपनी हाजिरजवाबी का नमूना भी पेश किया.बोल्ट से जब 100 मीटर में 9.58 सेकेंड के उनके रिकार्ड के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘यह काफी हद तक पहुंच से बाहर है.’’
तालियों की गडगडाहट और कुछ हंसी के बीच दुनिया के सबसे तेज व्यक्ति बोल्ट ने कहा कि उनके प्रतिद्वंद्वियों को उनकी बराबरी करने के लिए काफी कडी मेहनत करनी होगी. उन्होंने कहा, ‘‘एक खिलाडी के रुप में मैंने रिकार्ड बनते और टूटते देखे हैं. ये हमेशा टूट जाते हैं लेकिन अगर आप मेरे जैसा महान बनना चाहते हैं तो आपको काफी कडी मेहनत करनी होगी. यही कारण है कि मेरे रिकार्ड लंबे समय तक कायम रहेंगे.’’बोल्ट से जब यह पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि उनके समकक्षों में कोई ऐसा नहीं है जो उनका रिकार्ड तोड सके तो उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, कोई नहीं.’’
बातचीत को थोडा गंभीर करते हुए बोल्ट ने कहा, ‘‘ट्रैक एंड फील्ड अजीब खेल है. यह एकाग्रता और मानसिक क्षमता से जुडा है. किसी एक व्यक्ति को चुनना मुश्किल है लेकिन मेरे कोच को लगता है कि जस्टिन गैटलिन अच्छा है. टाइसन गे, योहान ब्लेक जैसे कई धावक सामने आ रहे हैं. लेकिन मैं किसी को भी मङो पछाडने नहीं दूंगा.’’ क्रिकेट बोल्ट का जुनून है लेकिन जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने इस खेल की जगह फर्राटा दौड को क्यों चुना तो उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए मेरे पिता को जिम्मेदार ठहराइए.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पिता क्रिकेट के बडे प्रशंसक हैं लेकिन जब मैं स्कूल में था तो मेरे पास क्रिकेट या एथलेटिक्स को चुनने का विकल्प था. मेरे पिता ने कहा कि जमैका के सिस्टम के कारण एथलेटिक्स से जुडना बेहतर रहेगा. उन्होंने कहा कि एथलेटिक्स में तुम्हें सिर्फ तेज दौडना होगा जबकि राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में जगह बनाना मुश्किल होगा.’’