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कोरोना इंपैक्ट: झारखंड के स्कूलों का बढ़ेगा शैक्षणिक सत्र, जानें क्या पड़ेगा प्रभाव और क्यों किया जा रहा ऐसा

झारखंड के स्कूलों में शैक्षणिक सत्र आगे किया जायेगा और ये तीन साल तक चलेगा. सरकार ने ये निर्णय इसलिए लिया क्यों कि कोविड 19 के कारण विद्यालय के बंद रहने से बच्चों की पढ़ाई पर गहरा असर पड़ा है और इसी की भरपाई के लिए सरकार 2024 तक राज्य में शैक्षणिक सत्र को आगे बढ़ाएगी

रांची : राज्य के सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र आगे किया जायेगा. कोविड 19 के कारण विद्यालय के बंद रहने से बच्चों की पढ़ाई को हुए नुकसान की भरपाई के लिए वर्ष 2024 तक राज्य में शैक्षणिक सत्र को आगे बढ़ाया जायेगा. इसकी शुरुआत इस वर्ष से की जायेगी. स्कूलों में शैक्षणिक सत्र एक अप्रैल से 31 मार्च संचालित होता है, लेकिन अगले तीन साल तक सत्र के समाप्त होने की तिथि में बदलाव किया जायेगा.

वर्ष 2021-22 का सत्र 31 मार्च को समाप्त नहीं होगा, अब सत्र 30 जून तक चलेगा. ऐसे में वर्तमान शैक्षणिक सत्र तीन माह आगे जायेगा. यह क्रम आनेवाले दो और सत्र तक जारी रखने पर विचार किया जा रहा है. वर्ष 2022-23 का सत्र 31 मई तक और वर्ष 2023-24 का सत्र 30 अप्रैल तक चलाया जायेगा. इसके बाद वर्ष 2024-25 से सत्र पूर्व निर्धारित तिथि 31 मार्च को समाप्त होगा. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग इसकी तैयारी कर रहा है. इस संबंध में जल्द ही अंतिम निर्णय लिया जायेगा.

इस वर्ष जून में वार्षिक परीक्षा :

मैट्रिक व इंटर की परीक्षा को छोड़कर अन्य कक्षाओं की परीक्षा की तिथि भी आगे बढ़ायी जायेगी. मैट्रिक व इंटर के परीक्षार्थियों को आगे की पढ़ाई के लिए राज्य से बाहर व दूसरे बोर्ड में नामांकन लेना होता है, इस कारण इन दोनों परीक्षाओं में बदलाव नहीं किया जायेगा.

इसके अलावा प्राथमिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं की परीक्षा की तिथि में बदलाव किया जायेगा. शैक्षणिक सत्र 2021-22 की वार्षिक परीक्षा मई के अंत और जून के प्रथम सप्ताह में ली जा सकती है. इसी प्रकार अगले दो साल की वार्षिक परीक्षा क्रमश: मई व अप्रैल में ली जायेगी.

क्यों किया जा रहा बदलाव पर विचार :

राज्य में कोविड 19 संक्रमण के कारण 17 मार्च 2020 से विद्यालय बंद है. कक्षा एक से पांच तक की पढ़ाई अब भी शुरू नहीं हुई है. कक्षा छह से आठ तक की पढ़ाई 24 सितंबर से और कक्षा नौ से 12वीं तक की पढ़ाई छह अगस्त से शुरू हुई है. कोविड संक्रमण की स्थिति को देखते हुए नवंबर-दिसंबर तक छठी से नीचे की कक्षा के लिए भी विद्यालय खोला जा सकता है.

ऐसे में शैक्षणिक सत्र को आगे बढ़ाने से इस दौरान बच्चों की पढ़ाई को हुए नुकसान की भरपाई हो जायेगी. उल्लेखनीय है कि राज्य के सरकारी विद्यालयों में लगभग 46 लाख बच्चे नामांकित हैं. शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों को ऑनलाइन लर्निंग मैटेरियल भेजा जा रहा है, लेकिन 28 फीसदी बच्चों तक ही मेटेरियल पहुंच रहा है. ऐसे में सत्र अवधि को आगे बढ़ाने से जो बच्चे ऑनलाइन कक्षा नहीं कर पा रहे हैं, उनका पाठ्यक्रम भी पूरा हो जायेगा.

Posted by : Sameer Oraon

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