Mughal Harem Stories : बंगाली महिलाओं के दीवाने थे मुगल बादशाह, उन्हें हरम में रखने के लिए रहते थे लालायित

Mughal Harem : मुगल शासन के दौरान हरम में लड़कियां मेलों के जरिए भी लाई जाती थीं. नौरोज और खुशरोज मेले में लड़कियां बादशाह के सामने पेश की जाती थीं, जहां उनकी नजरों से गुजरने के बाद अगर वो लड़कियां बादशाह को पसंद आती थीं, तो उन्हें हरम में महत्वपूर्ण जगह मिलती थी. देश के विभिन्न राज्यों से यहां लड़कियां लाई जाती थीं, लेकिन दो प्रमुख राज्यों की लड़कियों पर ही बादशाह मेहरबान होते थे. प्रसिद्ध इतिहासकर किशोरी शरण लाल की किताब में इस बात का खास जिक्र है.

By Rajneesh Anand | September 7, 2025 6:08 PM

Mughal Harem Stories : भारतीय इतिहास में मुगल काल की विलासिता काफी प्रसिद्ध है. एक से एक बेहतरीन स्मारक और किले इस दौरान बने, जो आज भी प्रसिद्ध हैं. मुगल बादशाहों का हरम भी की उनकी विलासिता की ही निशानी था. मुगल शासकों के बारे में यह कहा जाता है कि अपनी हरम की शान बढ़ाने के लिए वे औरतों का चुनाव करते थे और इसके लिए खास मेलों का आयोजन होता था.

खुशरोज और नौरोज मेला जिसके जरिए बादशाह चुनते थे हरम के लिए स्त्रियां

मुगलों के हरम पर लिखी गई बेहतरीन किताब The Mughal Harem में किशोरी शरण लाल लिखते हैं कि मुगल हरम में बादशाहों की पत्नियां, उनकी उपपत्नियां और रखैल रखी जाती थीं. इसके अलावा यहां दासियां और नर्तकियां भी होती थीं. हरम का माहौल पूरी तरह विलासितापूर्ण था. हरम में बादशाह अपनी शारीरिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए आते थे और जिस भी लड़की पर उनका दिल आ जाता था, हरम में उसकी चलती थी. हालांकि हरम की बागडोर राजा की मुख्य पत्नियों के हाथों में होती थी, लेकिन बादशाह की पसंद बनी औरतें भी यहां अपना राजा चला लेती थीं. बादशाह को खूबसूरत औरतें पेश कर कई लोग प्रशासन में अपनी भागीदारी बढ़ा लेते थे. बादशाह दो मेलों के जरिए औरतें चुनते थे और उन्हें हरम में रखते थे. नौरोज और खुशरोज मेला मेला इसकी जगह बनते थे.

बंगाली और कश्मीरी महिलाएं थी बादशाह की पसंद

किशोरी शरण लाल लिखते हैं कि मुगल बादशाह बंगाली और कश्मीरी महिलाओं को खासा पसंद करते थे. बंगाल का जादू उस वक्त भी मुगल शासकों पर चलता था. वे बंगाली महिलाओं को अपने हरम में चाहते थे. इसकी वजह यह थी कि बंगाली महिलाएं बहुत सुंदर और संगीत–नृत्य में पारंगत होती थीं. वहीं कश्मीरी महिलाएं अपने रूप-गुण और आकर्षण के लिए प्रसिद्ध थीं.

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मुगल शासन में विलासिता के केंद्र थे हरम

मुगल हरम का दृश्य

किशोरी शरण लाल जो एक प्रसिद्ध इतिहासकार हैं, उन्होंने मध्ययुगीन इतिहास पर कई किताबें भी लिखी हैं, वे The Mughal Harem में लिखते हैं कि मुगलकालीन हरम बादशाहों की विलासिता के केंद्र थे. हरम का मूल उद्देश्य था बादशाह के लिए भोग-विलास, शराब और संगीत का आनंद. हालांकि इस्लाम में शराब को हराम माना गया है, लेकिन अधिकतर मुगल शासक शराब का आनंद लेते थे. उनके हरम में पत्नियों की तुलना में उपपत्नियां और दासियां अधिक महत्व रखती थीं. एक स्त्री का मूल्य उसकी सुंदरता और राजा की इच्छा पर निर्भर था.

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