Jubeen Garg Death : कितना खतरनाक है स्कूबा डाइविंग, जिसके दौरान हुई यूथ आइकन सिंगर जुबीन गर्ग की मौत
Jubeen Garg Death : जुबीन गर्ग एक युवा यूथ आइकन, जो अब हमारे बीच नहीं हैं. उनकी मौत एक दुर्घटना में हुई. एडवेंचर स्पोट्र्स स्कूबा डाइविंग के दौरान उनकी मौत हो गई है. जुबीन गर्ग उत्तर-पूर्व के महान गायक थे, जिन्होंने पूरे भारत को अपना फैन बना लिया था. खेलो इंडिया के थीम साॅन्ग को उन्होंने आवाज थी. जुबीन गर्ग ने असमिया, हिंदी, बंगाली, बोडो, नेपाली और अन्य कई भाषाओं में गाने गाए हैं.
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Jubeen Garg Death : युवाओं के कल्चरल आइकन माने जाने वाले असमिया गायक जुबीन गर्ग की शुक्रवार को सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान मौत हो गई. जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार वे स्कूबा डाइविंग के दौरान बेहोश हो गए, जिसकी वजह से दोपहर 2:40 पर उनकी मौत हो गई. जुबीन गर्ग नॉर्थ ईस्ट इंडिया म्यूजिक फेस्टिवल में हिस्सा लेने के लिए सिंगापुर गए हुए थे. वे इस फेस्टिवल का उद्घाटन करने वाले थे और उन्हें यहां प्रस्तुति भी देनी थी.
कौन हैं जुबीन गर्ग
जुबीन गर्ग असम के वैसे गायक हैं, जिन्होंने असमिया गानों को आधुनिकता का पुट दिया. उनके गाने ओ माया… रुनझुन- रुनझुन ने उन्हें असमिया गानों में काफी प्रसिद्धि दिलाई. हिंदी गानों में उन्हें गैंगस्टर मूवी के गाने या अली से प्रसिद्धि मिली थी. 52 साल के जुबीन गर्ग का जन्म मेघालय के तुरा में हुआ था. जुबीन गर्ग ने खेलो इंडिया के थीम साॅन खेलो इंडिया को अपनी आवाज दी थी. म्यूजिक कंपोजर जुबीन मेहता के नाम पर उन्हें जुबीन नाम मिला था. जुबीन के पिता का नाम मोहिनी मोहन बोरठाकुर और मां का नाम लिली बोरठाकुर था. जुबीन की मां एक गायिका थी, जिनकी वजह से उन्हें संगीत विरासत में मिला था. वे मात्र तीन वर्ष की आयु से ही गाने गाते थे. जुबीन की शादी असम की फैशन डिजाइनर गरिमा सैकिया से हुई थी. जुबीन को अनामिका नाम के असमिया वीडियो अलबम से पहचान मिली थी. वे वेस्टर्न गानों में भी प्रस्तुति देते थे. उन्होंने असमिया और वेस्टर्न गानों का संगम किया और युवाओं की पहली पसंद बन गए.
क्या है स्कूबा डाइविंग जिसके दौरान हुई जुबीन गर्ग की मौत
स्कूबा डाइविंग एक एडवेंचर डाइविंग है, जो युवाओं में खासा लोकप्रिय है. इसका पूरा नाम है Self Contained Underwater Breathing Apparatus (SCUBA). स्कूबा डाइविंग के दौरान एडवेंचर करने वाले व्यक्ति की पीठ पर ऑक्सीजन सिलेंडर होता है. डाइविंग से पहले उस व्यक्ति को मास्क, फिन्स और वेट सूट पहनना पड़ता है. उसके बाद वह समुद्र की गहराइयों को देखने के लिए पानी में डाइव करता है. इस डाइविंग के दौरान सांस लेने में कोई दिक्कत नहीं होती है क्योंकि ऑक्सीजन सिलेंडर साथ होता है. इस डाइविंग की खासियत यह है कि इसमें समुद्र के अंदर के जीवों और पेड़-पौधों को देखने का मौका मिलता है. स्कूबा डाइविंग को लेकर जो आंकड़े हैं, वो यह बताते हैं कि प्रति एक लाख पर 1 से 3 व्यक्ति की मौत इसमें होती है. इस लिहाज से यह बहुत खतरनाक नहीं माना जाता है, लेकिन यह एक एडवेंचर गेम है, तो खतरा हमेशा रहता है. अगर कोई व्यक्ति पानी की गहराई में डर जाए या उसके ऑक्सीजन सिलेंडर या मास्क में कोई दिक्कत हो जाए, तो हार्टअटैक का खतरा रहता है, जिसमें किसी की मौत संभव है.
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