क्यों जल रहा है इंडोनेशिया, डिलीवरी ब्वाॅय की मौत ने आग में घी डालने का किया काम; 3 प्वाइंट्स में समझें पूरा मामला
Indonesia Protests : जनता पर कर का बोझ और सांसदों के लिए वेतन भत्ते में दस गुणा वृद्धि. इंडोनेशियाई सरकार की इस नीति से जनता इतना भड़क गई कि वह सड़क पर उतर आई और हिंसक प्रदर्शन शुरू किया. इस विरोध प्रदर्शन को सरकार ने देश विरोधी करार दिया है और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं.
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Indonesia Protests : इंडोनेशिया पिछले एक सप्ताह से जल रहा है, सरकार की नीतियों के विरोध में हजारों लोग सड़क पर उतर गए हैं और प्रदर्शन जारी है. इस प्रदर्शन में अबतक 7 लोगों की मौत हो गई है और सैकड़ों घायल हैं. प्रदर्शन काफी हिंसक है, लोगों का गुस्सा उफान पर है. सार्वजनिक इमारतों को लूटने और उसे जलाने का क्रम जारी है. इस विरोध प्रदर्शन की शुरुआत जकार्ता में हुई और तेजी से यह आग पूरे देश में फैल गई. इस देशव्यापी हिंसक प्रदर्शन को रोकने की जिम्मेदारी वहां के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो पर है, लेकिन उनके लिए यह हिंसा टेढ़ी खीर साबित हो रहा है.
इंडोनेशिया में कैसे हुई विरोध प्रदर्शन की शुरुआत
इंडोनेशिया में जनता का विरोध प्रदर्शन कर वृद्धि के विरोधस्वरूप शुरू हुआ था. यह प्रदर्शन सेंट्रल जावा में भूमि और भवन कर में 250% की वृद्धि के प्रस्ताव के बाद शुरू हुआ था. आम जनता ने स्थानीय गवर्नर सुदेवा के इस्तीफे की मांग की और साथ ही कर वृद्धि को वापस लेने पर जोर दिया. विरोध प्रदर्शन के बाद कर वृद्धि को रद्द कर दिया गया और गवर्नर के खिलाफ जांच शुरू हुई. उसके बाद 25 अगस्त को जकार्ता में संसद भवन के पास विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ. इस विरोध प्रदर्शन के मूल में था सांसदों के मूल वेतन में दस गुना से अधिक की वृद्धि. जनता यह मांग कर रही थी कि इस वेतन वृद्धि को स्थगित किया जाए और भ्रष्टाचार की जांच की जाए.
विरोध प्रदर्शन कैसे हुआ तेज
विरोध प्रदर्शन के दौरान संसद भवन के सामने जनता पटाखे जला रही थी और पथराव भी कर रही थी, जिसकी वजह से पुलिस के साथ मुठभेड़ भी हुई. विरोध प्रदर्शन तब और तेज हो गया, जब एक डिलीवरी ब्वाॅय को पुलिस की गाड़ी ने कुचल दिया और उसकी मौत हो गई. इस घटना के बाद विरोध प्रदर्शन और तेज हुआ यह जकार्ता से निकल कर इंडोनेशिया के अन्य शहरों में फैल गया. विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस ने सख्ती और आंसू गैस के गोले छोड़े गए. पुलिस की सख्ती के बाद जनता भड़क गई और उसने आगजनी और लूटपाट शुरू कर दिया. इस हिंसा में अबतक 7 लोगों की मौत हुई है और सैकड़ों लोग घायल हैं.
| तिथि / अवधि | मुख्य घटना | परिणाम |
|---|---|---|
| 10–13 अगस्त 2025 | पाटी (Central Java) में स्थानीय विरोध, भूमि और भवन कर में 250% वृद्धि का प्रस्ताव | कर वृद्धि रद्द, गवर्नर के खिलाफ जांच शुरू |
| 25 अगस्त 2025 | जकार्ता में संसद भवन के पास विरोध, सांसदों के भत्ते का प्रस्ताव | भत्ते की वापसी की मांग, पथराव और झड़पें |
| 28 अगस्त 2025 | डिलीवरी ब्वाॅय की पुलिस वाहन से मौत | विरोध प्रदर्शन हिंसक हुआ, कई घायल और गिरफ्तार |
| 29–31 अगस्त 2025 | व्यापक विरोध: जकार्ता, सुराबाया, बांडुंग आदि शहरों में प्रदर्शन | सरकारी इमारतों में आग और लूटपाट |
| 3 सितंबर 2025 | जकार्ता में महिलाओं का विरोध प्रदर्शन, गुलाबी कपड़े और बांस की झाड़ू के साथ | भ्रष्टाचार और पुलिस क्रूरता के खिलाफ विरोध, मीडिया में ध्यान आकर्षित |
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विरोध प्रदर्शन को सरकार ने बताया गैरकानूनी
देश की जनता के गुस्से को शांत करना राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो के लिए अग्निपरीक्षा के समान है. वे लगातार इस कोशिश में हैं कि देश में शांति बहाल की जाए. उन्होंने इस विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए सुरक्षा बलों को यह निर्देश दिया है कि वे दंगाइयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें. राष्ट्रपति ने इस विरोध प्रदर्शन को देशद्रोह और आतंकवाद को बढ़ाने वाला भी बताया है. राष्ट्रपति ने यह भी कहा है कि सांसदों के भत्ते और विदेश यात्राओं में कमी की जाएगी, लेकिन प्रदर्शन अविलंब नियंत्रित किया जाएगा. द गार्डियन ने यह जानकारी दी है कि राष्ट्रपति ने डिलीवरी ब्वाॅय की मौत की जांच के लिए एक पारदर्शी जांच टीम गठित करने का वादा कर चुके हैं. साथ ही वे इसके लिए भी तैयार हैं कि जनता इस जांच पर नजर रख पाए.
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