बॉलीवुड में सोशल मीडिया पर फिजूल कि बकबक करने वाले बहुत है. उसमें से एक फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा हैं. महिला दिवस पर उनके ट्वीट कि जितनी निंदा की जाये उतनी कम है. कल अगर किसी महिला ने विवादित ट्वीट के प्रति रहा गुस्सा निकालने के लिए उस निर्माता को आड़े हाथ लिया तो उसमे अचरज नहीं लगेगा. शायद महिला के शक्तिस्वरूप की भाषा उसे जल्द समझ आए. महिला की शक्ति क्या होती है और उसकी सहनशीलता का अंत होने पर क्या हो सकता है, यह महिलाओं का मजाक उड़ाने वालों को समझना चाहिए. पैसा, लोक-प्रसिद्धि के पीछे रहने वालों को समाज से कुछ लेनादेना नहीं रहता. उसके लिए वह किसी भी हद तक गिर सकते हैं, यह साबित हो गया है.
मानसी जोशी, इमेल से