विपक्षी दलों को सरकार का साथ देने की जरूरत है ताकि देश की अर्थव्यवस्था फिर से सामान्य हो सके. संसद में नारेबाजी करने से कोई लाभ नहीं है. शीतकालीन सत्र में किसी भी मुद्दे पर चर्चा नहीं हो सकी. हर दिन संसद स्थगित रहा और नोटबंदी पर चर्चा ही नहीं हुई.
सरकार का यह कदम कितना कारगर था, यह तो वक्त ही बतायेगा, लेकिन फिलहाल विपक्ष और जनता को मोदीजी का साथ देना चाहिए. 60 साल बाद हमें एक ऐसा प्रधानमंत्री मिला है जो देश को भ्रष्टाचार के रोग से बचाना चाहता है, तो हम सभी को भी मोदीजी का साथ देना चाहिए और उन पर विश्वास रखना चाहिए.
अंश झा, इमेल से