13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

इस जज्बे को सलाम

‘खुद से लड़ने के लिए जिस दिन खड़ा हो जाऊंगा- देख लेना उस दिन खुद से बड़ा हो जाऊंगा.’ रियो पैरालिंपिक में देवेंद्र झझारिया के फेंके भाले ने 63.97 मीटर की दूरी लांघने का विश्व-कीर्तिमान बना कर शायर के इसी ख्वाब को सच किया है. बरसों पहले राजस्थान के चुरु जिले में पेड़ पर चढ़ते […]

‘खुद से लड़ने के लिए जिस दिन खड़ा हो जाऊंगा- देख लेना उस दिन खुद से बड़ा हो जाऊंगा.’ रियो पैरालिंपिक में देवेंद्र झझारिया के फेंके भाले ने 63.97 मीटर की दूरी लांघने का विश्व-कीर्तिमान बना कर शायर के इसी ख्वाब को सच किया है. बरसों पहले राजस्थान के चुरु जिले में पेड़ पर चढ़ते वक्त बिजली के तार की चपेट में आकर आठ साल की उम्र में एक हाथ गंवानेवाले बालक देवेंद्र के बारे में पास-पड़ोस ने सोचा होगा कि परिस्थितियों ने उसका आगे का भविष्य लिख दिया है और देवेंद्र को आगे की जिंदगी सहानुभूति जुटाने की जुगत लगाते हुए बितानी है.

कभी सहानुभूति से भर कर सोचा होगा कि काश, देवेंद्र को आगे के जीवन के लिए कोई मजबूत सहारा मिल जाता, तो कभी उपेक्षा के भाव से यह भी माना होगा कि छुटपन में ही एक हाथ गंवा देनेवाला यह लड़का चाहे अपने लिये कुछ जुटा ले, मगर समाज और देश के गर्व करने लायक कारनामा अंजाम नहीं दे सकता.

लेकिन आज साहस, संकल्प, लगन और कौशल की सबसे लंबी दूरी लांघनेवाले देवेंद्र के भाले ने समाज के सोचे हुए को एक झटके में झुठला दिया है. अगर नियति ने सचमुच बेबसी से भरी जिंदगी का कोई लेख तैयार किया था, तो देवेंद्र ने उसके शब्द को अपने हौसले और हुनर से बदल दिया है. आज गले में चमकते सोने के तमगे से सिर्फ देवेंद्र का सीना उन्नत नहीं हुआ, उसके साथ सवा अरब लोगों के इस देश का सिर भी गौरवान्वित हुआ है.

अकेले देवेंद्र ही क्यों, पैरालिंपिक में शारीरिक अशक्तता को मात करके देश का सिर ऊंचा करनेवाले खिलाड़ियों की फेहरिश्त लंबी है. शरीर के निचले हिस्से के सुन्न होने के बावजूद शॉट पुट की स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीतनेवाली दीपा मलिक हों या फिर एक पैर की ताकत से सबसे ऊंची छलांग मार कर सोने का तमगा झटकनेवाले मारियप्पन थांगवेलु सबने यही साबित किया है कि आदमी साहस करे, हौसला रखे और जोर लगाये, तो फिर पत्थर को भी पानी बनाया जा सकता है.

इस बार के पैरालिंपिक ने देखा है अल्जीरिया के अब्दुल लतीफ बाका की लगायी 1500 मीटर दौड़ में इस एथलीट ने ना सिर्फ पैरालिंपिक का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया, बल्कि रियो ओलिंपिक के रिकार्ड को भी ध्वस्त किया. यह सीधे-सीधे किसी अफसाने को हकीकत में तब्दील करने जैसा अविश्वसनीय कारनामा है. मुश्किल नहीं है कुछ भी अगर ठान लीजिए का संदेश देनेवाले इन एथलीट के जीत के जोश और जज्बे को सलाम.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें