10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

भ्रष्टाचार की समस्या और समाधान

भ्रष्टाचार ने पूरे देश को अपने आगोश में ले लिया है. वास्तव में भ्रष्टाचार के लिए आज सारा तंत्र जिम्मेदार है. एक आम आदमी भी किसी शासकीय कार्यालय में अपना कार्य शीघ्र करवाने के लिए सामनेवाले को बंद लिफाफा सहज ही थमाने को तैयार है. 100 में से 80 लोग आज इसी तरह कार्य करवाने […]

भ्रष्टाचार ने पूरे देश को अपने आगोश में ले लिया है. वास्तव में भ्रष्टाचार के लिए आज सारा तंत्र जिम्मेदार है. एक आम आदमी भी किसी शासकीय कार्यालय में अपना कार्य शीघ्र करवाने के लिए सामनेवाले को बंद लिफाफा सहज ही थमाने को तैयार है. 100 में से 80 लोग आज इसी तरह कार्य करवाने के फिराक में हैं. और जब एक बार किसी को अवैध ढंग से ऐसी रकम मिलने लग जाये तो निश्चित ही उसकी तृष्णा और बढ़ेगी जिसका परिणाम आज सारा देश देख रहा है.

भ्रष्टाचार में सिर्फ शासकीय कार्यालयों में लेने-देनेवाले घूस को ही शामिल नहीं किया जा सकता, बल्कि इसके अंदर वह सारा आचरण शामिल होता है जो एक सभ्य समाज कासिर नीचा करता है. भ्रष्टाचार के इस तंत्र में आज सर्वाधिक वर्चस्व राजनेताओं का ही दिखायी देता है. इसका प्रत्यक्ष प्रमाण तो तब देखने को मिला, जब नागरिकों द्वारा चुने हुए सांसदों द्वारा संसद भवन में प्रश्न तक पूछने के लिए पैसे लेने का प्रमाण टीवी चैनलों पर प्रदर्शित किया गया. कभी चारा घोटाला, कभी दवा घोटाला, कभी ताबूत घोटाला तो कभी खाद घोटाला.

आखिर यह सब क्या इंगित करता है? ये सारे भ्रष्टाचार के कुछ उदाहरण मात्र हैं. बात करें भारत को भ्रष्टाचार से बचाने की, तो जिन लोगों को आगे आकर भ्रष्टाचार को समाप्त करने का प्रयास कर समाज को दिशा-निर्देश देना चाहिए वे खुद ही भ्रष्ट आचरण में आकंठ डूबे दिखते हैं. वास्तव में, देश से यदि भ्रष्टाचार मिटाना है, तो न सिर्फ स्वच्छ छवि के नेताओं का चयन करना होगा, बल्कि लोकतंत्र के नागरिकों को भी सामने आना होगा. उन्हें भ्रष्ट लोगों को समाज से न सिर्फ बहिष्कृत करना होगा, बल्कि उच्च स्तर पर भी भ्रष्टाचार में संलिप्त लोगों का बहिष्कार करना होगा.

अनिल सक्सेना, ई-मेल से

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें