Advertisement
इस आयु का औचित्य ?
पहले कांग्रेस की शीला दीक्षित सरकार द्वारा दिल्ली में शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 60 से 62 वर्ष करने पर प्रबुद्ध जनवादी लोगों और युवाओं में काफी असंतोष और विरोध की लहर देखने को मिली थी. अब एक और ताजा खबर के अनुसार केंद्र में भाजपा सरकार ने भी केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा में चिकित्सकों की आयु […]
पहले कांग्रेस की शीला दीक्षित सरकार द्वारा दिल्ली में शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 60 से 62 वर्ष करने पर प्रबुद्ध जनवादी लोगों और युवाओं में काफी असंतोष और विरोध की लहर देखने को मिली थी.
अब एक और ताजा खबर के अनुसार केंद्र में भाजपा सरकार ने भी केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा में चिकित्सकों की आयु 62 से बढ़ा कर 65 वर्ष कर ठीक उसी तरह का काम कर डाला है जिससे इनमें कोई अंतर नहीं रह गया है. उधर, केजरीवाल सरकार ने भी ठेके के सभी कर्मचारियों को तुरंत पक्के रोजगार का बड़ा वादा किया था, जिस पर दुर्भाग्य से अब तक कुछ नहीं हुआ है. क्या इस तरह की सेवानिवृत्ति आयु और झूठे वादे कभी उचित हो सकते हैं?
भयंकर रूप से बढ़ती बेरोजगारी से देश की शिक्षित युवा पीढ़ी में पहले ही असंतोष, कुंठा और आक्रोश है, जिससे वह मजबूर होकर दुर्भाग्य से बढ़ते नशे के धंधे के अतिरिक्त ढेर सारे अन्य संगीन जुर्मों की ओर अग्रसर हैं. लोकतंत्र में सरकार को ऐसे मुद्दों पर लोगों की राय लेनी चािहए, जिसे दुर्भाग्य से वह लेती ही नहीं है.
वेद मामूरपुर , नरेला
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement