राजनीति आजकल मार्केटिंग हो गयी है. अपनी बातों, विचारों की आप जितनी मार्केटिंग करेंगे, लोग आपसे जुड़ेंगे. नरेंद्र मोदी की मार्केटिंग पॉलिसी सबसे अलग है. उन्होंने अपनी बात, अपने काम के प्रति लोगों में विश्वास जगाया है, लोगों को महसूस करने पर मजबूर किया कि वही विकास के दूत हैं. इस तरीके में राहुल पीछे रह गये. अपनी सरकार के कार्यो पर सही जनमत नहीं बना पाये, और मार्केटिंग में पिछड़ गये.
मार्केटिंग के नये अवतार हैं केजरीवाल. अपनी बातों, विचारों से लोगों को जताया कि वह जो बोल रहे हैं, वही सही है. वह ईमानदार, बाकी सब बेईमान. लाल बत्ती, घर, सुरक्षा नहीं लेना मार्केटिंग ही है. यह कार्य पहले से ही कई जन-नेता करते आ रहे हैं. ‘आप’ की सोच वामपंथ का मॉडर्न रूप है. अगर विकास से चुनाव जीता जाता, तो शीला हारती नहीं. सोचिए जरा!
विनीत जैन, हजारीबाग