एकअखबार के पाठक मत स्तंभ के अंतर्गत ‘पात्रता परीक्षा है या अपात्रता परीक्षा’ शीर्षक से छपे आराधना जी के मत से मैं भी इत्तेफाक रखता हूं. ज्ञात हो कि जे-टेट परील,यानी24दिसंबरकोआपकेक्षा राज्य में राष्ट्रपति शासन के दौरान ईमानदारी के साथ संपन्न करायी गयी थी और इसका रिजल्ट भी काफी छानबीन कर निकाला गया था.
अगर इस रिजल्ट के साथ कोई छेड़छाड़ की गयी तो यह बहुत बड़ी बात होगी और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ हजारों सफल टेट अभ्यर्थियों के साथ धोखा होगा, जिन्होंने रात-दिन मेहनत कर सफलता अजिर्त की है. नियुक्ति प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है और सात महीने बाद रिजल्ट के संशोधन का कोई औचित्य नजर नहीं आता है. दोबारा रिजल्ट निकालने के लिए मानवीय भूल की दलील दी जा रही है. तब फिर परीक्षा के मायने क्या रह जायेंगे.
अमित कुमार, जमशेदपुर